प्रेरणादायक हिंदी कहानियां pdf – एक बार की बात है जब एक गांव में रमेश नाम का एक साधारण सा आदमी रहता था।
उसका जीवन समस्याओं से भरा हुआ था इसलिए वह काफी दुखी भी रहता था लेकिन वो भगवान की सच्चे मन से भक्ति करता था।
मेहनत से काम करने के बावजूद उसे नौकरी में सफलता नहीं मिलती रही थी और उसकी तनख्वाह भी नहीं बढ़ रही थी।
ऐसी छोटी मोटी कई समस्याएं उसके जीवन में चलती रहती थी।
रमेश अक्सर यह सोचता था कि वह तो किसी भी तरह का गलत काम नहीं करता है, फिर भी उसके जीवन में इतने दुख, इतना कष्ट क्यों है?
वह सोचता कि वह भगवान की इतनी भक्ति करता है, फिर भी उसका जीवन ऐसा क्यों है।
उसे जानने वाले लोग भी उसको प्रोत्साहित करते और कहते हैं कि तुम्हारे साथ सब अच्छा होगा तुम भगवान की इतनी भक्ति जो करते हो।
एक दिन रमेश का अपने साहब से झगड़ा हो गया। जिसके चलते उसे नौकरी से निकाल दिया गया।
उस दिन रमेश बड़ा दुखी मन से घर आया और भगवान के सामने बैठकर पूजा पाठ करने लगा और भगवान से कहने लगा कि भगवान आज कुछ भी हो जाए, आप मेरे सपने में आओगे और मुझसे बात करोगे।
भगवान अपने सच्चे भक्तों की बात जरूर सुनते हैं और उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ।
रात को जब रमेश सो रहा था तो उसके सपने में भगवान आए।
भगवान ने रमेश से पूछा कि बताओ रमेश, तुम क्या चाहते हो?
भगवान को अपने पास पाकर रमेश ने अपनी समस्याओ के बारे में बोलना शुरू कर दिया और कहा कि भगवान जी, मैं आपका भक्त हूं, मैं कोई गलत काम नहीं करता, फिर भी मेरे जीवन में इतना दुख क्यों है?
मैं देखता हूं कि जो लोग गलत काम करते हैं, सही रस्ते पर नहीं चलते, वह बड़े मौज से जीवन जीते हैं, ऐसा क्यों?
भगवान ने रमेश से कहा, यह सब एक चक्र है जो कई जन्मों के पाप पुण्य के हिसाब से चलता है। सबको अपने अपने हिस्से के कष्ट भोगने ही पड़ते हैं। फिर भी तुम मेरे सच्चे भक्त हो इसलिए मैं तुम्हें एक उपाय बताता हूं।
तुम सुबह जब उठोगे तो तुम्हारे घर से दस किलोमीटर दूर जो पुराना मंदिर है, वहां एक बरगद का पेड़ है, वहां पर तुम अपनी सारी समस्याएं एक पत्र में लिखकर उस पत्र को उस बरगद के पेड़ के निचे रख कर आना, बस इतना करने पर तुम्हारी सारी समस्याएं खत्म हो जाएगी।
लेकिन उसके लिए एक शर्त है कि तुम्हें तुम्हारे पत्र के बदले किसी और के द्वारा लिखा गया एक पत्र उठाकर लाना होगा और फिर उस पत्र में जो लिखा होगा, वह तुम्हारे साथ होने लगेगा।
रमेश बहुत खुश हुआ और भगवान को धन्यवाद दिया।
रमेश जब सवेरे उठा तो उसे सपने की सारी बातें याद थी। वह तुरंत नहा-धोकर उस पुराने मंदिर के पास वाले बरगद के पेड़ के पास पहुंच गया।
उसने अपनी सारी समस्याएं एक पत्र मैं घर से ही लिख कर रखी थी। उसने वह पत्र बरगद के पेड़ के पास रखी है और जाने लगा।
कुछ दूर जाने पर रमेश को याद आया कि भगवान ने एक शर्त रखी थी कि उसे उसकी पत्र रखकर किसी और की एक पत्र अपने साथ लेकर जानी है।
रमेश उस पेड़ के पास वापस पहुंचा और उसने वहां पर ढेर सारे पत्र पड़े हुए पाए।
उसने एक पत्र उठाई लेकिन उसको खोलने से पहले उसे विचार आया कि अगर इसमें मेरी समस्या से भी बड़ी समस्या लिखी हुई होगी तो यह अच्छा नहीं होगा।
उसने उस पत्र को वापस रख दिया और दूसरा पत्र उठाया। फिर उसे विचार आया कि हो सकता है इसमें भी कुछ बहुत बुरा लिखा हो।
शायद इसमें लिखा हो सकता है कि उसका कोई परिवार का सदस्य गंभीर बीमार हो, या मरने वाला हो या कुछ उससे भी बुरा।
उसने एक के बाद एक कई चिट्ठियां बदली लेकिन हर बार उसकी कोई भी पत्र को खोलकर पढ़ने की हिम्मत नहीं हुई!
उसने सोचा इन सभी चिट्ठियों की समस्याओं को अपनाने से अच्छा है कि मैं अपनी ही समस्याओं से लड़कर उनका सामना करू।
अंत में रमेश ने अपनी ही लिखी हुई पत्र उठाई और वहां से अपने घर लौट गया।
इस प्रेरणादायक हिंदी कहानियां pdf – समस्याओ का सामना कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कई बार जीवन में समस्याएं आती है, लेकिन उन समस्याओं से भागकर कभी उनको खत्म नहीं किया जा सकता, सिर्फ उन समस्याओ का सामना कर ही उन्हें ख़तम किया जा सकता है।
दूसरों के जीवन से तुलना करके दुखी होने से अच्छा है, हम अपने जीवन की समस्याओ को अच्छे से समझे, उनके मूल कारण तक पहुंचे और उनसे छुटकारा पाएं।
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