शहज़ादे की बुरी आदत – Akbar Birbal Hindi kahani

Akbar Birbal Hindi kahani – एक बार की बात है जब बादशाह अकबर किसी एक बात को लेकर बहुत परेशान रहने लगे थे। जब दरबारियों ने उनसे पूछा, तो बादशाह बोले, हमारे शहजादे को अंगूठा चूसने की बुरी आदत पड़ गई है, कई कोशिश के बाद भी हम उनकी यह आदत छुड़ा नहीं पा रहे हैं।’

बादशाह अकबर की परेशानी सुनकर किसी दरबारी ने उन्हें एक फकीर के बारे में बताया, जिसके पास हर परेशानी का इलाज था।

फिर क्या था, बादशाह ने उस फकीर को दरबार में आने का निमंत्रण दिया। जब फकीर दरबार में आया, तो बादशाह अकबर ने उन्हें अपनी परेशानी के बारे में बताया।

फकीर ने बादशाह की पूरी बात सुनकर परेशानी को दूर करने का वादा किया और एक हफ्ते का समय मांगा। जब एक हफ्ते के बाद फकीर दरबार में आया, तो उन्होंने शहजादे को अंगूठा चूसने की बुरी आदत के बारे में प्यार से समझाया और उसके नुकसान भी बताए।

फकीर की बातों का शहजादे पर बहुत प्रभाव पड़ा और उसने अंगूठा न चूसने का वादा भी किया।

सभी दरबारियों ने यह देखा, तो बादशाह से कहा ‘जब यह काम इतना आसान था, तो फकीर ने इतना समय क्यों लिया। आखिर उसने क्यों दरबार का और आपका समय खराब किया।’

बादशाह दरबारियों की बातों में आ गए और उन्होंने फकीर को दंड देने की ठान ली। सभी दरबारी बादशाह का समर्थन कर रहे थे, लेकिन बीरबल चुपचाप था।

बीरबल को चुपचाप देख, अकबर ने पूछा, ‘तुम क्यों शांत हो बीरबल?’

बीरबल ने कहा, ‘जहांपनाह गुस्ताखी माफ हो, लेकिन फकीर को सजा देने के स्थान पर उन्हें सम्मानित करना चाहिए और हमें उनसे सीखना चाहिए।’

तब बादशाह ने गुस्से में कहा, तुम हमारे फैसले के खिलाफ जा रहे हो। आखिर तुमने “ऐसा सोच भी कैसे लिया, जवाब दो।’

तब बीरबल ने कहा, ‘महाराज पिछली बार जब फकीर दरबार में आए थे, तो उन्हें तम्बाखू खाने की बुरी आदत थी। आपकी बातों को सुनकर उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने पहले अपनी इस गंदी आदत को छोड़ने का फैसला लिया फिर शहजादे की गंदी आदत छुड़ाई।’

बीरबल की बात सुनकर दरबारियों और बादशाह अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ और सभी ने फकीर से क्षमा मांगकर उसे सम्मानित किया।

इस Akbar Birbal Hindi kahani – शहज़ादे की बुरी आदत कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों को सुधारने के पहले खुद को सुधारना चाहिए, इसके बाद ही दूसरों को ज्ञान देना चाहिए।

Also read – लोमड़ी की चालाकी | Hindi story for class 1

Also read – दुखी मछली | Short story about friendship

Also read – चतुर बीरबल | Akbar Birbal Hindi short story

Also read – एक जासूस मंत्री | Stories for kids pdf included

Also read – चार बहानेबाज़ दोस्त | Friendship story in Hindi

Also read – घमंडी चूहा | Panchatantra short stories in Hindi

Also read – जादुई संदूक | Hindi stories with moral for class 5

Also read – मछली की चतुराई | Stories for kids online in Hindi

Also read – सकारात्मक सोच | Very short moral stories in Hindi

अगर आपको कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने साथियो के साथ शेयर करे। धन्यवाद्।

error: Content is protected !!