Akbar Birbal Hindi story – एक बार की बात है जब बादशाह अकबर के दरबार में दो आदमी अपनी एक बड़ी परेशानी लेकर झगड़ते हुए आते है । दोनों को झगड़ता देख अकबर उनसे पूछते है “क्या बात है, तुम दोनों क्यों झगड़ रहे हो ?”
तभी उन दोनों में से एक आदमी ने कहा “जहाँपना, मेरा नाम करोड़ीमल है और मै एक व्यापारी हूँ और मेरे पास कई एकड़ ज़मीन भी है और यह आदमी मेरा नौकर है, मैंने इस पर विश्वास करके इसको अपना व्यापार सौंप कर कुछ महीनो के लिए बहार गया हुआ था, लेकिन जब मै वापस आया, तो इसने मे सब कुछ अपने नाम करवा लिया था ।”
इतने में जल्दी से दूसरा आदमी बोला “नहीं हुज़ूर, मै जायदाद का असली मालिक हूँ और इसने जो भी कहा है वह सब झूठ है, दरअसल, यह मेरा नौकर है और सारी ज़मीन मेरी है और मै कुछ महीनो के लिए बहार गया हुआ था, लेकिन जब मै वापस आया तो मुझे पता लगा कि मेरे इस नौकर ने मेरी सारी ज़मीन अपने नाम करवा ली है इसलिए हुज़ूर आप ही मेरे साथ न्याय कीजिये ।”
दोनों की बात सुनकर अकबर सोच में पड़ गए । फिर बादशाह अकबर ने बीरबल को बुलाया और कहा “बीरबल, अगर तुमने इन दोनों में से असली मालिक का पता लगा लिया तो मै तुम्हे सौ सोने के सिक्के दूँगा। “
तभी बीरबल खड़ा हुआ और बोला “जी जहाँपना, यह तो मै चुटकियो में पता लगा सकता हूँ ।”
फिर बीरबल दोनों आदमियों के पास जाता है और कहता है “शायद तुम दोनों नहीं जानते, मेरा नाम बीरबल है और मै लोगो के दिमाग में चल रही बाते पढ़ सकता हूँ और चाहकर भी तुम दोनों मुझसे सच छुपा नहीं सकते, इसलिए अच्छा यही होगा कि तुम खुद ही सब कुछ सच-सच बता दो ।”
बीरबल की बात सुनकर भी दोनों में से किसी ने भी कुछ नहीं बोला । फिर बीरबल ने कहा “अच्छा, तो तुम लोग सच नहीं बताओगे, तो ठीक है तुम दोनों ऐसा करो, पेट के बल ज़मीन पर लेट जाओ और अपनी आखे बंद कर लेना ।”
बीरबल की बात मानकर दोनों आदमी पेट के बल ज़मीन पर लेट गए। तभी बीरबल ने कहा “अब मै अपनी आखे बंद कर के तुम्हारे दिमाग में चल रही सारी बाते पढता हूँ फिर मै सब को बता दूंगा कि कौन सच्चा है और कौन झूठा, लेकिन जबतक मैं ना कहु, तब तक तुम दोनों में से कोई भी अपनी आँखे नहीं खोलेगा।”
इतना कह कर बीरबल ने कुछ देर अपनी आँखे बंद कर कुछ सोचा और फिर अपनी आंख्ने खोलकर चिल्लाते हुए एक सैनिक से कहा “सिपाही, इधर आओ और इस झूठे का गला तुरंत काट दो ।”
सिपाही को समझ नहीं आया कि बीरबल ने किसका गाला काटने को कहा है लेकिन सिपाही अपनी तलवार लेकर उन दोनों की तरफ बढ़ा और जैसे ही वह सिपाही दोनों के थोड़ा पास पंहुचा वैसे ही दोनों में से पहला आदमी दर में मारे खड़ा हो गया और बीरबल के पैरो में गिरकर बोला “हुज़ूर, मुझे माफ़ कर दीजिये और अपने सिपाही को कहिये की वह मेरा गाला ना काटे, मै आपको सबकुछ सच-सच बताता हूँ ।”
तभी बीरबल ने कहा “माफ़ी मुझसे नहीं, बल्कि जहाँपना अकबर से मांगो, सिर्फ वही तुमको माफ़ कर सकते है ।”
फिर वह आदमी अकबर के पैरो में गिरकर बोला “हुज़ूर, मैंने इस आदमी की सारी दौलत चुराई है और मै मालिक करोड़ीमल का नौकर हूँ । इनकी इतनी सारी ज़मीन, जायदाद और दौलत को देखकर मेरे मन में खोट आ गया थी ।”
ऐसा कहकर वह झूठा नौकर अकबर से माफ़ी मांग रहा था और इस तरह बीरबल ने अपनी अक्लमंदी से झूठ और सच का पता लगा लिया और करोड़ीमल को उसकी सारी जायदाद वापस मिल गई ।
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