Akbar Birbal ki kahani in Hindi – एक बार की बात है जब बादशाह अकबर अपने पोते के साथ खेल रहे थे, खेलते-खेलते अकबर का पोता उनके पास जाता है और उनसे निचे झुकने को कहता है और जैसे ही अकबर निचे झुकते है वह उनकी मुछ खींचकर एक बाल निकाल लेता है ।
अकबर दर्द से कराह कर ज़ोर से चिल्लाते है और उन्हें बड़ा ही गुस्सा आता है लेकिन अपने छोटे से पोते से वह कुछ नहीं कह सकते थे ।
अकबर के मन में एक बात आती है कि अगर उन्होंने अपने पोते को किसी तरह से नहीं समझाया तो उसकी आदत ख़राब हो जाएगी और वह बार-बार ऐसा करेगा ।
फिर उसी दिन की दोपहर को अकबर अपने दरबार में बैठे सभी मंत्रियो से कहते है “मै सभी से एक सुझाव मांग रहा हूँ और जिसका भी सुझाव मुझे पसंद आया मै उसे इनाम में अपनी मोतियों की माला दूंगा ।”
अकबर की बात सुनकर दरबार में बैठे सभी मंत्री खुश हो जाते है और अकबर की बात ध्यान से सुनते है ।
अकबर कहते है ” आज सुबह किसी ने मेरी मुछ खींचकर एक बाल निकाल लिया और मै उसे इसके लिए सजा देना चाहता हूँ तो मै उसे क्या सजा दे सकता हूँ ?”
सभी मंत्री अकबर की बात ध्यान से सुनकर अपना-अपना सुझाव देते है, कोई कहता है “जहांपना, उसे तो मौत की सजा देनी चाहिए” तो कोई कहता है “जहांपना, उस व्यक्ति को तो हज़ार कोड़े मरने चाहिए ।”
तभी अकबर का ध्यान शांत बैठे बीरबल पर जाता है और अकबर उसे कहते है “बीरबल, तुम क्यों इतने शांत बैठे हो, क्या तुम्हारे पास मेरे लिए कोई सुझाव नहीं है ?”
बीरबल कहता है “जहांपना, मेरे पास सुझाव तो है लेकिन वह इन सभी के सुझाव से काफी अलग है ।”
अकबर बीरबल से अपना सुझाव बताने को कहते है और बीरबल कहता है “जहांपना, मेरे हिसाब से जिसने भी आपकी मुछ खींची है, आपको उसे प्यार से गले लगाकर उसके गाल में एक चुम्मी देनी चाहिए और प्यार से समझाना चाहिए कि ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जिससे किसी को तकलीफ हो ।”
बीरबल का सुझाव सुनकर दरबार के सभी मंत्रियो के साथ-साथ अकबर भी हैरान हो जाते है और बीरबल से पूछते है “बीरबल, ये कैसे सुझाव है ।”
फिर बीरबल अकबर को समझते हुए कहता है “जहांपना, आपने इतने पास आकर आपकी मुछ खींचने का काम और कोई नहीं बल्कि कोई बच्चा ही कर सकता है और वह बच्चा आपके पोते के अलावा और कौन हो सकता है ।”
अकबर बीरबल के की बात से एकदम प्रसन्न और प्रभावित हो जाते है और बीरबल को अपने गले से मोतियों की माला निकाल कर इनाम में देते है ।
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