Bhagwan ki seva – एक बार की बात है जब एक सेठजी श्री कृष्ण के परम भक्त थे। वह घर पर लड्डू गोपाल ले आए।
सेठानी से कहने लगे कि इन की सेवा करना, इनको सुबह शाम भोग लगाना। सेठानी को उनकी सेवा करना बहुत मुश्किल लगता था।
उनका मानना था कि मुझे बच्चों की देखभाल से समय नहीं मिलता। मैं लड्डू गोपाल की सेवा कैसे करूँ। एक दिन उसने लड्डू गोपाल को अपने बंगले के बगीचे मे मिट्टी खोद कर दबा दिया।
अपने पति को कहा कि लड्डू गोपाल चोरी हो गए। सेठ को बहुत दुख हुआ लेकिन लड्डू गोपाल की इच्छा मान कर मन मसोस कर रह गए। उनके घर में एक माली बगीचे की देखभाल के लिए अक्सर आता था।
उसे बगीचे का वह भाग आकर्षित करता जहाँ सेठानी ने लड्डू गोपाल को दबाया था। एक दिन उसने उस भाग को खोदा तो उसे लड्डू गोपाल मिल गए। वह भागा-भागा सेठानी के पास गया और उत्साहित हो कर सेठानी को बताने लगा कि देखो मुझे बगीचे में से लड्डू गोपाल मिले हैं।
सेठानी ने उसी समय उसे नौकरी से निकाल दिया और कहा कि अपने लड्डू गोपाल को भी लेते जाओ। सेठानी ने आस पास के घरों में यह बात फैला दी कि यह माली चोर है। इसलिए सभी ने उसे काम से निकाल दिया।
सेठानी के मन में डर था कि कहीं माली बगीचे में लड्डू गोपाल के मिलने की बात उसके पति को ना बता दे । इसलिए उसने यह सारा षड्यंत्र रचा। माली मायूस हो कर घर चला गया और पत्नी को लड्डू गोपाल सौंप कर रोने लगा। पत्नी ने कहा कि रो क्यों रहे हो?
यह तो बहुत अच्छी बात है कि आप लड्डू गोपाल घर पर लेकर आए। माली ने सारी बात अपनी पत्नी को बताई कि कैसे लड्डू गोपाल के मिलते ही उसकी नौकरी चली गई। इस में अच्छी क्या बात है? पत्नी ने पति को ढांढस बंधाया और कहा कि ईश्वर पर विश्वास रखे।
इसमें भी उन्होंने कुछ अच्छा ही सोच रखा होगा। मालिन ने लड्डू गोपाल को साफ कर स्नान कराया और उन्हें घर के मंदिर में स्थापित कर भोग लगाया। जो मिट्टी लड्डू गोपाल को साफ करने के बाद मिली थी। उसने अपने पति से पूछा कि इसका क्या करु?
माली ने कहा कि बाहर आंगन में इतनी सारी मिट्टी पड़ी है उस में ही फैंक दो। पत्नी ने मिट्टी बाहर पड़े ढेर पर फैंक दी। अब माली का दो वक्त का गुजारा भी बहुत मुश्किल से हो रहा था क्योंकि उसके चोर होने की झूठी खबर के कारण उसे सभी ने नौकरी से निकाल दिया था।
एक दिन एक व्यक्ति उसके घर के बाहर से निकल रहा था। उसके घर के बाहर पड़ी मिट्टी पर बहुत सुंदर फूल खिले देखे तो उसने माली को बाहर बुलाया। उसने पूछा कि क्या तुम इन फूलों के बारे में जानते हो? माली ने कहा कि मैंने यहां यह फूल उगने से पहले कभी नहीं देखे थे।
मुझे इन फूलों की बारे में जानकारी नहीं है । उस व्यक्ति ने बताया कि यह एक खास किस्म के फूल है। बाजार में यह फूल बहुत महंगे दाम पर बिकते हैं। माली ने जब फूल के बारे में जानकारी इकट्ठी की तो उस व्यक्ति की बात सच निकली।
वो फूल खास किस्म के थे और बहुत महंगे दाम पर बिकते थे। अब उसने उन फूलों की खेती बड़े पैमाने पर करनी शुरू कर दी। कुछ ही बर्षों में वह धनवान बन गया। उन दोनों पति-पत्नी ने निश्चय किया कि लड्डू गोपाल की सेवा में विध्न ना आए इसलिए हम बच्चा पैदा नहीं करेंगे।
लड्डू गोपाल की सेवा हम बच्चे की तरह करेंगे। एक दिन उस माली के घर एक भिखारिन भीख मांगने आई। माली ने उसे पहचान लिया। माली ने कहा कि सेठानी आप भीख क्यों मांग रही हो? भिखारिन ने कहा कि मैं तुम्हें पहचान नहीं पाई।
माली ने कहा कि मैं वहीं माली हूं जिसे आप ने चोरी का झूठा इल्जाम लगा कर नौकरी से निकाल दिया था। मैं आज तक इस बात से परेशान हूं कि आपने ऐसा क्यों किया था?
तब सेठानी ने कहा कि मेरे पति की मृत्यु हो गई है और जिन बच्चों की देखभाल करने के लिए मैंने लड्डू गोपाल को मिट्टी में दबाया था उन्होंने ने मुझे घर से निकाल दिया। मैं अब भीख मांग कर गुजारा करती हूं। मैंने तुम पर झूठा इल्जाम इस लिए लगाया था कि कहीं बगीचे में से
निकलने की बात तुम मेरे पति को ना बता दो। माली ने कहा कि अब आप परेशान ना हों। आप की सेवा मैं करूंगा। क्योंकि कारण चाहे जो भी हो लेकिन आप की वजह से मुझे लड्डू गोपाल मिले और उन्होंने मेरा जीवन बदल दिया। बोलो लड्डू गोपाल जी की जय।
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