मौत का कमरा – Bhootni ki kahani in Hindi

Bhootni ki kahani in Hindi – एक बार की बात है जब विकास, उसकी बहन विशाखा और विशाखा की दोस्त अनीता के साथ कही घुमने गये थे। लौटते वक़्त काफी रात हो गयी थी।

रास्ते में उसकी बहन की थोड़ी तबियत खराब हो गयी थी जिसके कारण उसे काफी ठंड लग रही थी। उनका घर अभी भी लगभग डेढ़ किमी दूर था और रास्ते में कोई भी रुकने की जगह नहीं मिल रही थी।

थोड़ी देर बाद रास्ते में उन्हें एक होटल दिखाई दिया तो अनीता ने होटल में रुक कर विशाखा को आराम देने को कहा।

विकास ने अनीता की बात मान अपनी गाड़ी होटल के सामने रोक दी। तीनो होटल के काउंटर पर पहुंचे और उन्होंने जब कमरे के लिए पुछा तो वहां बैठे कर्मचारी ने बताया कि पूरे होटल में एक भी कमरा खली नहीं है, क्योंकि उस रास्ते पर केवल वही एक अच्छा होटल था।

लेकिन तभी होटल के मेनेजर ने बताया कि एक कमरा खाली है और वह है कमरा नंबर 13। उन्होंने उस समय अन्धविश्वास वाली बातो को ना सोचकर कमरा ले लिया।

जैसा कि हम सभी ने सुना है कि कमरा नंबर 13 को अशुभ माना जाता है और कई होटलों में इस नंबर का कोई कमरा नहीं होता है लेकिन यह होटल कई साल पुराना था।

जैसे ही वे तीनो उस कमरा में गये, तो उन्हें एक अजीब सी ऊर्जा महसूस हुई। उस कमरा की दशा तो ठीक थी, लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे बरसों से यहा कोई रहने नहीं आया हो ।

विकास, विशाखा को पलंग पर सुलाकर उसके लिए कुछ दवाइयाँ लेने को गया और दवाइयाँ लेकर जैसे ही कमरे में आया तो देखा कि उसकी बहन बालकनी में खड़ी बाते कर रही थी।

विकास में सोचा उसकी बहन और उसकी दोस्त अनीता दोनों बालकनी में बाते कर रही है लेकिन जैसे ही उसके पास गया तो उसकी बहन के अलावा वहां कोई नहीं था।

उसने उसकी बहन से पुछा कि तुम किससे बाते कर रही थी तो उसने सिर्फ सर हिला कर मना कर दिया।

उसी समय अनीता बाथरूम से बहार आई, जिसे देख विकास घबरा गया कि अगर अनीता बाथरूम में थी तो विशाखा किससे बात कर रही थी।

विकास ने विशाखा को दवाई दी और सो जाने को कहा। अब अनीता और विशाखा दोनों पलंग पर सो गए और विकास सोफे पर सो गया।

सुबह जब सफाई करने वाला कमरे की सफाई के लिए आया तो दरवाज़ा खुला था और वह जब अंदर आया तो देखा की कमरे में खून ही खून था और विशाखा मर चुकी थी।

सफाई वाला जोर से चिल्लाया तो वीएक्स की नींद खुल गयी और उसने देखा कि विशाखा की मौत हो चुकी थी और अनीता बेहोश पड़ी थी ।

विकास जोर-जोर से रोने लगा और मनेजर को बुलाया। मेनेजर ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाया और दोनों को अस्पताल ले जाया गया।

अस्पताल में पूरे चार घंटे बेहोश रहने के बाद अनीता को होश आया।अनीता के होश में आते ही विकास ने अनीता से घटना के बारे में सारी बाते पूछी तो उसने बताया कि “रात को जब मै पानी पीने उठी तो, देखा कि विशाखा फिर से बालकनी में बैठी थी और किसी से बात कर रही थी।

मै जैसे ही उसके पास गयी और उससे पूछा कि वह यहा क्या कर रही है और किससे बात कर रही है, तो उसने मुझे जोर से धक्का दे दिया जिससे मेरा सर दीवार से टकरा गया और मै बेहोश हो गयी। बस इसके अलावा मुझे कुछ याद नहीं है।”

जैसे ही अनीता हॉस्पिटल से छुटी, तो विकास के साथ वापस उस होटल में गयी और उन्होंने काउंटर पर बैठे कर्मचारी से कहा कि उन्हें होटल के मेनेजर से बात करना है जिसपे उसने बताया कि आपकी घटना के दुसरे दिन ही मेनेजर की मौत हो गयी थी।

उस कर्मचारी की बात सुनकर दोनों आश्चर्य में पड़ गए। फिर उन्होंने उस सफाई कर्मचारी से सारी बात समझने की कोशिश की तो उसने बताया कि आप जिस कमरे में रुके थे वह प्रतिबंधित था और वहां कोई नहीं रुकता है क्योकि उस कमरे में बहुत पहले एक लकड़ी ने आत्महत्या कर ली थी और तभी से उसकी आत्मा वहां रहती है।

उस कमरे में भूतनी ने पहले भी दो लोगो को मार दिया था, लेकिन मैनेजर ने यह सारी बात जानते हुए भी सिर्फ पैसो के चक्कर में कमरा आपको दे दिया।

सफाई कर्मचारी की बात सुनकर विकास को सारी बात समझ में आयी। इस घटना के बाद विकास काफी सदमे में चला गया और उसने फिर कभी किसी होटल में रुकने की हिम्मत नहीं की।

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