नारियल और कंजूस व्यापारी – Cartoon wali kahani

Cartoon wali kahani – व्यापारी नाम का एक कंजूस आदमी था। एक दिन वह नारियल खरीदने के लिए बाजार गया। उसने नारियल वाले से नारियल की कीमत पूछी। चार रूपये का एक, नारियलवाले ने कहा।

चार रूपये! यह तो बहुत महँगा है। मैं तो तीन रूपये दे सकता हूं-व्यापारी ने कहा। नारियल वाले ने जवाब दिया, यहाँ तो नही पर यहाँ से एक मील की दूरी पर आपको जरूर तीन रूपये में एक नारियल मिल जाएगा।

व्यापारी ने विचार किया, पैसा बहुत मेहनत से कमाया जाता है। मीलभर पैदल चल लेने ‘ पर कम-से-कम एक रूपये की तो बचत हो जाएगी। वे पैदल चलते-चलते एक मील तक गए, तो वहाँ उन्हें एक नारियल वाले की दुकान दिखाई दी।

उन्होंने दुकानदार से नारियल की कीमत पूछी। दुकानदार ने कहा, तीन रूपये का एक। व्यापारी ने कहा, यह तो बहुत ज्यादा है। मैं तो अधिक से अधिक दो रूपये दे सकता हूं।

अगर तुम एक मील आगे चले जाओ, तो वहाँ तुम्हें दो रूपए में मिल जाएगा। दुकानदार ने कहा। व्यापारी ने फिर विचार किया, पैसा बहुत मूल्यवान होता है। एक रूपया बचाने के लिए मीलभर पैदल चलने में क्या हर्ज है।

वो चलते-चलते एक मील चला गया। वहां उन्हें नारियल की एक दुकान दिखाई दी। उन्होंने नारियलवाले से नारियल की कीमत पूछी। दो रूपए का एक, नारियलवाले वाले ने जवाब दिया।

व्यापारी ने कहा, एक नारियल के दो रूपये? यह तो बहुत अधिक है। मैं तो केवल एक रूपए दूंगा। तो फिर एक काम करो, नारियलवाले ने कहा, तुम समुद्र के किनारे-किनारे एक मील तक चलते जाओ।

वहाँ नारियल की कई दुकानें है। तुम्हें एक रूपए में ही नारियल मिल जाएगा। व्यापारी ने फिर विचार किया, एक रूपया बचाने के लिए एक मील चल लेने में क्या हर्ज है? पैसा बहुत मूल्यवान होता है!

व्यापारी वहाँ से चलते-चलते एक मील दूर समुद्र-तट पर पहुँच गए। वहाँ नारियलवालों की कई दुकाने थीं। व्यापारी ने एक दुकानदार से नारियल की कीमत पूछी। दुकानदार ने कहा, “एक रूपए का एक नारियल”

व्यापारी ने कहा, एक रूपया! मैं तो इसके पचास पैसे दूंगा। नारियलवाले ने कहा, तो फिर सामने वाले नारियल के पेड़ पर चढ़ जाओ और तोड़ लो जितने चाहिए उतने। । तुम्हारा एक पैसा भी खर्च नहीं होगा ।

हाँ यही ठीक रहेगा। व्यापारी ने कहा और देखते-ही-देखते वे एक नारियल के पेड़ पर चढ़ गए। उन्होंने अपने दोनों हाथों से एक नारियल पकड़ा और उसे जोर का झटका दिया। नारियल तो टूट गया, पर साथ-ही-साथ पेड़ से उनके पैर की पकड़ भी

फिर क्या था, व्यापारी नारियल सहित समुद्र की रेत पर आ गिरे। उनके पैर की हड्डी टूट गई और शरीर पर भी कई जगह खरोंचें आ गईं। एक नारियल के लिए व्यापारी को सिर्फ इतनी ही कीमत अदा करनी पड़ी!

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि पैसे बचत करना अच्छी बात है लेकिन अत्यधिक कंजूसी करने से इसका भारी नुकसान हो सकता है ।

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