Hindi cartoon kahaniya – एक बार की बात है जब कई दिनों तक मगध में ठहरने के बाद, गौतम बुद्ध मगध की राजधानी से प्रस्थान कर रहे थे। जब इस बात का पता सभी को चला तो वहां के राजा और बड़े बड़े सेठ सभी गौतम बुद्ध के पास आए। वह सभी लोग बुद्ध के लिए बड़े बड़े उपहार भेट करने के लिए लाए।
उन सभी के अंदर यह लालसा थी कि बुद्ध उनके उपहार से ज्यादा प्रसन्न होंगे। हर कोई अपने उपहारों को सबसे बड़ा समझ रहा था। उनमे से जब भी कोई व्यक्ति दान देने के लिए बुद्ध की तरफ आगे बढ़ता, बुद्ध दूर से ही हाथ हिलाकर उसे स्वीकार करके आगे बढ़ा देते। बुद्ध यह बरताव सभी लोगों के साथ कर रहे थे।
तभी उस भीड़ में से एक बूढ़ी महिला आकर बुद्ध के सामने खड़ी हो गई और बुद्ध को प्रणाम करते हुए कहने लगी कि मैं भी आपको कुछ देना चाहती हूँ परन्तु मैं बहुत गरीब हूँ। आज बगीचे में मुझे यह सेब मिली, मैं इसे आधा खा चुकी थी।
तभी मुझे आपके प्रस्थान की सुचना मिली और मैं आपके दर्शन के लिए यहाँ चली आई। मेरे पास खाये हुए सेब के अलावा आपको देने के लिए कुछ भी नहीं है। क्या आप मेरी इस भेट को स्वीकार करेंगे?
बुद्ध अपने आसन से उठे और उस बूढ़ी महिला के पास जाकर और अपनी झोली फैलाकर उस आधे सेब की भेट को बड़े ही प्रेमपूर्वक स्वीकार किया।
यह दृश्य देखकर वहां के राजा और बड़े बड़े सेठ आश्चर्य में पड़ गए। वहां के राजा से रहा नहीं गया और वह बुद्ध से कहने लगे कि भगवन एक से एक महंगे और बहुमूल्य उपहार तो केवल अपने हाथ हिलाकर ही स्वीकार कर लिए परन्तु इस बूढ़ी महिला के जुटे सेब में आपको ऐसी क्या विशेषता दिखी, जो आपको अपना आसन छोड़ना पड़ा।
बुद्ध मुस्कुराए और राजा को समझाते हुए बोले कि, इस बूढ़ी महिला ने मुझे अपने जीवन की समस्त पूंजी दे दी। आप लोगों ने मुझे जो भी उपहार दिया, वह तो आपकी संपत्ति में से छोटा सा अंश मात्र है। आपने दान तो दिया लेकिन दान देने का अहंकार अभी भी आपके अंदर से गया नहीं।
इस बूढ़ी महिला ने मेरे प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को दिखाते हुए अपना सब कुछ मुझपर समर्पित कर दिया। फिर भी इसके चेहरे पर असीम शांति और करुणा है।
फिर भगवान बुद्ध ने राजा को बताया कि सच्चे मन से दिया हुआ दान ही सबसे बड़ा दान होता है, यह बात सुनकर सभी धनी लोगों को अपनी गलती का एहसास हुआ और सभी बुद्ध से क्षमा मांगने लगे।
इस Hindi cartoon kahaniya – सर्वश्रेष्ठ दान कहानी से हमें यह सीख मिलती है की दान में दी गई वस्तु को दान में देने के बाद भूल जाना चाहिए। जिससे आपका दान सबसे बड़ा दान कहलाएगा।
Also read – स्वर्ग की सैर – Stories Tenali Raman in Hindi
Also read – अनैतिकता की मिठाई – Hindi kahani cartoon
Also read – चतुर बीरबल | Akbar Birbal Hindi short story
Also read – व्यापारी और उसका गधा – Story Hindi Cartoon
Also read – घमंडी चूहा | Panchatantra short stories in Hindi
Also read – पिता, पुत्र और गधे की सवारी – Panchatantra stories Hindi
Also read – शिकारी, राजा और तोता – Panchatantra stories in Hindi pdf
Also read – दाने दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम – Hindi cartoon kahani
Also read – तेनाली रमन और राजा के घोड़े – Stories of Tenali Raman in Hindi
अगर आपको कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने साथियो के साथ शेयर करे। धन्यवाद्