भुलक्कड़ रोहन | Hindi kahaniya for kids

Hindi kahaniya for kids – एक बार की बात है जब एक विद्यालय में रोहन नाम का लड़का कक्षा पांचवी में पड़ता था । रोहन बड़ा ही भुलक्कड़ था और छोटी-छोटी बातो को भूल जाता था ।

रोहन इतना भुलक्कड़ था कि जब कभी उसकी माँ उसे दूध लाने बोलती तो वह बाजार से दही ले आता और कभी उसे बाजार जाना होता तो वह उद्यान पहुंच जाता और खेलने लगता ।

रोहन की माँ रोहन की इस भूलने की आदत से बहुत ही परेशान रहती जिसके लिए वह रोहन को खूब बादाम खिलाती और घरेलु नुस्खे से उसका इलाज करने की कोशिश करती ।

रोहन के विद्यालय में उसके इस भूलने की आदत का उसके दोस्त खूब मज़ाक उड़ाते और हमेशा उसे चिढाते रहते ।

इसी तरह एक दिन रोहन के ही कक्षा में पढ़ने वाला एक छात्र मोंटू रोहन के साथ बदमाशी करने की सोचता है और रोहन जब भोजन अवकाश में कक्षा के बाहर खेलने जाता है तो मोंटू रोहन के बस्ते से उसकी अंग्रेजी की नोटबूक निकाल लेता है और उसे अपने बस्ते में छुपा लेता है ।”

कुछ देर बाद कक्षा में अंग्रेजी विषय की शिक्षिका आती है और सभी से अपनी नोटबूक दिखाने को कहती है, सारे बच्चे बारी-बारी से अपनी नोटबूक दिखाते है और जब रोहन की बारी आती है तो रोहन अपने बस्ते में हाथ डालता है नोटबूक निकालने के लिए, लेकिन उसे नोटबूक बस्ते में नहीं मिलती है ।

रोहन पूरे बस्ते में हाथ डालकर देखता है और जब उसे नोटबूक नहीं मिलती है तब वह सोचने लगता है कि शायद वह नोटबूक घर पर ही भूल गया है ।

शिक्षिका रोहन को आवज़ा लगाती है और कहती है “रोहन, अपनी नोटबूक लेकर आओ ।”

रोहन कहता है “शिक्षिका जी, मै अपनी नोटबूक घर पर ही भूल गया हूँ ।”

शिक्षिका रोहन की बात सुनकर गुस्से में आ जाती है और उसे डाँटते हुए कहती है “रोहन, तुम्हे पता था ना कि आज मै नोटबूक की जाँच करने वाली हूँ फिर भी तुम लाना भूल गए, आज मै तुम्हे छोड़ रही हूँ लेकिन कल याद से नोटबूक लेकर आना, नहीं तो मै तुम्हे कड़ी सजा दूँगी । “

रोहन को शिक्षिका से डांट खाते देख मोंटू मुँह छुपकर खूब हँसता है ।

शिक्षक से डांट खाने के बाद रोहन उदास होकर विद्यालय से घर जा रहा था तभी विद्यालय के बाहर ही रोहन को मोंटू मिलता है और कहता है “रोहन, ये लो तुम्हारी नोटबूक ।”

रोहन अपनी नोटबूक मोंटू के पास देखकर कहता है “अच्छा, तो तुमने मेरे बस्ते से नोटबूक निकाली थी ।”

मोंटू हँसते हुए कहता है “हा, जब तुम भोजन अवकाश में कक्षा के बाहर खेल रहे थे तब मैंने यह नोटबूक तुम्हारे बस्ते से निकाल ली थी और आज तुम्हे डांट खाते देख मुझे बहुत मज़ा आया ।”

मोंटू की बात सुनकर रोहन को बहुत गुस्सा आता है और वह सोचने लगता है कि वह मोंटू को उसकी बदमाशी के लिए कैसे सबक सिखाए ।

अगले दिन रोहन भी वही करता है जो मोंटू ने उसके साथ किया था । रोहन भोजन अवकाश में मोंटू के बस्ते से उसकी नोटबूक निकाल लेता है और उसे बाहर कही छुपा देता है ।

कुछ देर बाद जब शिक्षिका कक्षा में आती है और सब से अपनी नोटबूक दिखाने को कहती है तो इस बार मोंटू को उसकी नोटबूक नहीं मिलती और मोंटू को शिक्षिका से डांट पड़ती है ।

फिर शिक्षिका के जाने के बाद रोहन मोंटू के पास जाता है और कहता है “मोंटू, आज तुम्हे डांट खाते देख मुझे भी बड़ा मज़ा आया और मैंने तुमसे तुम्हारी कल की बदमाशी का बदला ले लिया ।”

मोंटू कहता है “रोहन, मतलब मेरी नोटबूक तुमने छुपाई है ?”

रोहन मोटू को हां में जवाब देता है ।

फिर मोंटू कहता है “अच्छा ठीक है, हमारा हिसाब बराबर हो गया अब मेरी नोटबूक मुझे वापस कर दो ।”

रोहन कहता है “रुको, मै अभी लेकर आया ” और ऐसा कहकर रोहन कक्षा के बाहर आता है नोटबूक लेने लेकिन वह भूल जाता है कि उसने मोंटू की नोटबूक कहा छुपाई थी ।

कुछ देर तक यहाँ वहां नोटबूक ढूंढने के बाद रोहन मोंटू के पास जाता है और कहता है “मोंटू, मुझे याद नहीं आ रहा है कि मैंने तुम्हारी नोटबूक कहाँ छुपाई है ।”

रोहन की बात सुनकर मोंटू एकदम गुस्सा जाता है और रोहन से कहता है “रोहन, अगर तुमने मेरी नोटबूक नहीं दी तो मै तुम्हारी शिकायत प्राचार्य से कर दूंगा ।”

रोहन कहता है “मोंटू मै सच कह रहा हूँ, मुझे बिलकुल भी याद नहीं आ रहा है ।”

मोंटू गुस्से में सीधा प्राचार्य के कक्ष में रोहन को लेकर जाता है और सारी बात बताता है। “

प्राचार्य मोंटू की सारी बाते सुनते है और फिर दोनों से कहते है “देखो, इसमें दोनों की गलती है । सबसे पहले मोंटू तुम्हे रोहन के साथ ऐसी बदमाशी नहीं करनी चाहिए थी और दूसरा रोहन, तुम्हे मोंटू से बदला लेने के लिए ऐसी बदमाशी नहीं करनी चाहिए थी ।”

फिर प्राचार्य कहते है “मै तुम दोनों को दंड देता हूँ कि तुम दोनों ही मोंटू के लिए फिर से नोटबूक बनाओ और उसका आधा काम रोहन करेगा और आधा काम मोंटू करेगा ।”

इस तरह रोहन और मोंटू दोनों को उनकी बदमाशी की सजा मिलती है ।

इस Hindi kahaniya for kids – भुलक्कड़ रोहन कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे दूसरो को परेशानी हो क्योकि कभी उनकी परेशानी से हमारा भी नुकसान हो सकता है ।

Also read – Hindi story with moral for class 6 – अपना-अपना मत

Also read – Hindi short story for class 4 – एक अच्छा पड़ोसी

Also read – Akbar Birbal stories in Hindi with moral – बीरबल की ज़िद

Also read – Hindi short story for class 3 – बहादुर लड़का

Also read – Akbar Birbal story in Hindi pdf – बीरबल और चालाकी

अगर आपको Hindi kahaniya for kids – भुलक्कड़ रोहन कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने साथियो के साथ शेयर करे। धन्यवाद्।

error: Content is protected !!