कहानी भाग्य की – Hindi me kahaniya

Hindi me kahaniya – एक बार की बात है जब एक राज्य के राजा अपने राज्य में घूमने के लिए निकले। वे अपनी प्रजा से मिलकर उनका हाल-चाल पूछ रहे थे।

अपनी राजधानी से काफी दूर एक गांव में उन्होंने एक अजीब बात सुनी कि कई साल पहले एक गोपाल नाम के बच्चे ने जन्म लिया था, जन्म के समय उसने कपड़े पहने हुए थे और उसके हाथ में चाँदी का एक सिक्का था।

सबने राजा को बताया कि इसके माता-पिता बहुत गरीब थे। लेकिन उनके अनोखे बेटे के जन्म के बाद उन्हें सारे सुख और आराम मिल गए।

ये सब बातें सुनकर राजा को विश्वास नहीं हुआ। एक बात जिसने राजा को चिंता में डाल दिया, वह यह थी कि एक ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी, कि बड़ा होकर इस युवक का विवाह अपने राज्य की राजकुमारी से होगा।

राजा ऐसे ही किसी से भी अपनी बेटी का विवाह तो नहीं कर सकते थे, इसीलिए वे गोपाल से मिलने उसके घर गए।

उन्होंने गोपाल से कहा कि वे किसी भी भविष्यवाणी पर विश्वास नहीं करते और उन्होंने गोपाल को आदेश दिया कि वह तुरंत उनका राज्य छोड़कर दूर चला जाए।

राजा ने कहा कि राजधानी जाओ और मेरे महल में पहुंचकर वहाँ रानी मां को पत्र दे देना और उसके बाद वे जहाँ जाने को कहें, चले जाना।

गोपाल अपने राजा की बात मानकर तुरंत उनकी राजधानी की ओर चल दिया। रास्ता बहुत लंबा था। चलते-चलते रात हो गई तो गोपाल ने सोचा कि कहीं रुककर रात बिताई जाए।

उसने देखा कि मार्ग के किनारे एक पुराना सा घर है। उसने दरवाज़ा खटखटाया। अंदर से एक व्यक्ति बाहर आया ।

गोपाल ने उससे पूछा : क्या में आज रात यहाँ रुक सकता हूँ ? व्यक्ति ने उसे इजाज़त दे दी।

इस घर में कुछ डाकू रहते थे, जो व्यक्ति बाहर आया था। वह असल में डाकुओं का सरदार था।

रात को जब गोपाल सो गया तो डाकुओं ने सोचा कि उसका सामान लूट लिया जाए। जब वे उसके थेले की तलाशी ले रहे थे तो उन्हें राजा का पत्र मिला।

डाकुओं ने पत्र पढ़ा। उसमें लिखा था। पत्र लाने वाले इस युवक को तुरंत मृत्युदंड दिया जाए । डाकुओं ने देखा कि गोपाल एक अच्छा लड़का है। राजा का आदेश पढ़कर उनका भी मन दुःखी हो गया।

गोपाल को नुकसान पहुँचाने की जगह उन्होंने  उसकी मदद करने का निश्चय किया। डाकुओं का सरदार किसी की भी लिखावट की नकल कर सकता था।

उसने राजा की लिखावट में एक और पत्र लिखा। उसमें डाकू ने लिखा था, पत्र लाने वाले इस युवक का विवाह तुरंत राजकुमारी से कर दिया जाए।

उन डाकुओं ने इस नए पत्र को ठीक उसी तरह गोपाल के थैले में रख दिया जैसे कि वह पहले रखा हुआ था।

गोपाल यह पत्र लेकर राजधानी पहुँचा और पत्र में लिखी गई बातो पर अमल कर राजा की आज्ञा के अनुसार रानी द्वारा गोपाल का विवाह तुरंत राजकुमारी से कर दिया गया।

जब राजा अपनी राजधानी में अपने महल वापिस पहुँचे तो ज्योतिषी की भविष्यवाणी सच हो चुकी थी और उन्हें भी मानना पड़ा कि गोपाल सच में एक बहुत भाग्यशाली लड़का है और उन्होंने गोपाल को अपने राज्य में एक बहुत ही बड़ा मंत्री का पद दिया।

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