Hindi moral kahani – एक बार की बात है जब एक शहर में मिन्की और पिंकू दो भाई बहन रहते थे । दोनों अपने माता-पिता के साथ रहते थे ।
एक बार मिन्की और पिंकू अपने घर के सामने खेल रहे थे तभी उन्हें एक कुत्ते के बच्चे के रोने की आवाज़ आती है जिसे सुनकर मिन्की कहती है “पिंकू, लगता है कोई बच्चा रो रहा है ।”
पिंकू कहता है “हा मिन्की, मुझे भी किसी बच्चे के रोने की आवाज़ आ रही है, चलो देखते है ।”
दोनों को पास में ही एक कुत्ते का बच्चा रोते हुए मिल जाता है जिसे देखकर मिन्की को दया आ जाती है और वह कहती है “पिंकू, हमें इसकी मदद करनी चाहिए, ये बिचारा किसी तकलीफ में लग रहा है ।”
पिंकू कहता है “नहीं मिन्की, हमें क्या करना है, ये गन्दा सा कुत्ता है, छोडो इसे, चलो घर वापस चलते है ।”
मिन्की को पिंकू की बात पसंद नहीं आती है और वह गुस्से में कहती है “पिंकू, मै इस छोटे से कुत्ते को ऐसे यहाँ नहीं छोड़ सकती, मै इसे घर ले जा रही हूँ ।”
पिंकू मन करता है लेकिन मिन्की नहीं मानती है और कुत्ते के बच्चे को घर ले आती है ।
मिन्की उसका बहुत अच्छे से ध्यान रखती है उसे नहलाती है, खाना खिलाती है और अपने साथ ही सुलाती है ।
पिंकू को यह सब देखकर अच्छा नहीं लगता है और वह मिन्की से कहता है “मिन्की, अब यह ठीक हो गया है तुम इसे बाहर छोड़कर आ जाओ ।”
मिन्की कहती है “पिंकू, अब ये मेरा दोस्त है और ये यही रहेगा हमारे साथ और मैंने पिताजी से भी बात कर ली है, उन्होंने अनुमति दे दी है ।”
पिंकू को यह बात पसंद नहीं आती है और वह बार-बार कुत्ते के बच्चे को परेशान करने की कोशिश करता है ताकि वह खुद से ही घर से भाग जाए, लेकिन हर बार मिन्की सही समय पर आकर उसे बचा लेती थी ।
एक दिन मिंकू देखता है कि कुत्ता दरवाज़े पर बंधा हुआ है और वह उसे अपने साथ लेकर जाता है और पास के ही जंगल में छोड़ कर आ जाता है ।
वापस आकर वह घर के बाहर ही खेले लग जाता है तभी वहा पर मिन्की आती है और उससे पूछती है “पिंकू, कुत्ता कहा है, मैंने उसे यही दरवाज़े में बंधा था ?”
पिंकू कहता है “मिन्की, वह तो भाग गया, मैंने उसे रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वह रुका ही नहीं ।”
पिंकू की बात सुनकर मिन्की परेशान हो जाती है और रोने लगती है जिसे देखकर पिंकू को अच्छा नहीं लगता है और वह उसे समझाता है “कोई बात नहीं मिन्की, उसे हमारे घर में रहना अच्छा नहीं लग रहा होगा इसलिए वह चला गया होगा ।”
फिर रात हो जाती है और उनके घर पर एक चोर आता है और चोर को पिंकू की साईकिल दिख जाती है और वह उसे लेकर जैसे ही भागने की कोशिश करता है उसका पैर कुत्ते का बच्चा पकड़ लेता है ।
चोर दर जाता है और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगता है “बचाओ मुझे बचाओ “
मिन्की को किसी के चिल्लाने की आवाज़ आती है और वह पिंकू को उठती है और कहती है “पिंकू, उठो, लगता है घर के बाहर कोई आया है ।”
दोनों के माता पिता भी उठ जाते है और चारो घर के बाहर आते है और देखते है कि कुत्ते का बच्चा एक आदमी के पैर पकड़ा हुआ है ।
कसी को समझ नहीं आता है कि वह आदमी कौन है तभी पिंकू को उसकी साइकल गिरी हुई दिखती है और वह कहता है “यह तो चोर है और मेरी साइकल चुरा रहा था ।”
मिन्की कुत्ते को देखकर खुश हो जाती है और उसे उठाकर अपने गोद में ले लेती है और मिन्की के पिताजी चोर से डांटकर कहते है “यहाँ से तुरंत भाग जाओ नहीं तो मै पुलिस को बुला लूंगा ।”
चोर वहा से तुरंत भाग जाता है और तभी पिंकू मिन्की से माफ़ी मांगता है ।
मिन्की समझ नहीं पाती है और पिंकू से पूछती है “पिंकू, तुम माफ़ी क्यों मांग रहे हो ।”
मिन्की, सुबह इस कुत्ते को मैंने ही जंगल में छोड़ा था क्योकि मुझे यह बिलकुल भी पसंद नहीं था । लेकिन मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि यह वापस कैसे आ गया ?”
मिन्की कहती है “पिंकू, कुत्ते ऐसे ही होते है, वे एक बार किसी से दोस्ती कर लेते है तो फिर हमेशा उसका साथ देते है और अपने दोस्त को कभी नहीं छोड़ते है ।”
इस Hindi moral kahani – एक सच्चे दोस्त की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने अच्छे दोस्तों का हमेशा साथ देना चाहिए और हमेशा उनकी परेशानी में मदद करनी चाहिए ।
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