Hindi stories with moral for class 3 – एक बार की बात है जंगल में एक कौंवा तालाब के किनारे एक पेड़ की डाली पर बैठा हुआ होता है और वह वहां नीचे तालाब की तरफ ध्यान से देखता रहता है।
नीचे तालाब में एक बहुत ही सुन्दर सफ़ेद रंग का बगुला तैर रहा होता है । कौंवा बगुले के पास जाता है और उसे कहता है कि तुम कितने सुन्दर हो और कितने आकर्षक हो, भगवान् ने तुम्हे कितना सुन्दर बनाया है और मै कितना काला हूँ और कितना बदसूरत भी।
बगुला कौवे को जवाब देते हुए कहता है कि बहुत बहुत धन्यवाद् कौंवा जी मेरी सुंदरता की तारीफ़ करने के लिए, लेकिन मुझसे सुन्दर तो तोता है, वह हरे रंग का और होता कितना सुन्दर है वह तो मुझसे भी कितना अधिक आकर्षक होता है ।
कौंवे के मन में तोते को देखने कि इच्छा जागृत होती है और वह वहां पास में ही एक पेड़ पर बैठे तोते के पास जाता है और कहता है और तोता भाई कैसे हो , तोता बोलता है कि मै अच्छा हु तुम कैसे हो, कौंवा कहता है कि मै भी अच्छा हूँ ।
फिर तोता कौंवे से कहता है कि कौंवा भाई मेरे पास कैसे आना हुआ ?
कौंवा जवाब देते हुए बोलता है कि मुझे एक सुन्दर बगुला ने बताया कि तोता एक हरे रंग का बहुत ही सुन्दर पक्षी होता है और बहुत ही आकर्षक होता है तो मै आपको देखने चला आया और आप तो सच में बहुत ही सुन्दर और आकर्षक हो ।
तोता बड़े सहज तरीके से कहता है कि आपका बहुत धन्यवाद् मेरी इतनी तारीफ करने के लिए ।
तोता आगे कहता है कि मै पर उतना भी नहीं जितनी आप मेरी तारीफ़ कर रहे है ।
अगर आपको सुंदरता देखनी है तो आप जाकर मोर से मिलिए, उसकी सुंदरता देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे ।
कौंवा फिर वहां से जंगल में ढूंढते हुए मोर के पास पहुंच जाता है और जैसे ही मोर को देखता है कौंवे कि आखे खुली कि खुली रह जाती है ।
वह मोर से मिलते ही उसकी तारीफ़ करना चालू कर देता है और कहता है कि मोर जी, मैंने आजतक आपसे सुन्दर और कोई नहीं देखा है आप सच में कितने सुन्दर और आकर्षक हो ।
कौंवा ऐसा कहते हुए खुश होने के साथ साथ थोड़ा दुखी भी होता है ।
मोर कौंवे से कहता है कि कौंवा जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद् मेरी सुंदरता कि इतनी तारीफ़ करने के लिए, लेकिन आप इतने दुखी क्यों लग रहे है, क्या बात है बताइये, क्या मै आपकी कोई मदद कर सकता हूँ ।
कौंवा मोर को जवाब देते हुए कहता है कि भगवान् ने आपको कितना सुन्दर बनाया है, सब आपकी कितनी तारीफ करते है और वही मुझे इतना काला और बदसूरत बनाया है ।
फिर मोर कौंवे को जवाब देते हुए कहता है कि कौंवा जी आप जैसे भी दीखते है लेकिन आप स्वतंत्र है और कही भी उड़ सकते है जहां चाहे जा सकते है आपको जीवन में कोई डर या फिर कोई भी खतरा नहीं है लेकिन मेरी इस सुंदरता के कारण मुझे पकड़ कर पिंजरे में बंद कर दिया जाता है ।
इस Hindi stories with moral for class 3 एक दुखी कौंवे की कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि कभी भी अपने आपकी तुलना किसी और से नहीं करनी चाहिए। भगवान् ने सभी के जीवन में सुख और दुःख बराबरी से ही दिया है।
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