आत्मविश्वास | Hindi story for class 2 with moral pdf included

Hindi story for class 2 with moral pdf included – एक बार की बात है जब एक गांव में रोहन नाम का लड़का रहता था । रोहन दिमाग से थोड़ा सा कमज़ोर था इसीलिए वह जब भी कोई काम करता, उसे हमेशा लगता की वह उस काम को नहीं कर पाएगा और वह उस काम को या तो शुरू ही नहीं करता या फिर अधूरा ही छोड़ देता ।

रोहन में इस आत्मविश्वास की कमी का कारण उसके आस-पास के लोग थे, रोहन जब भी कुछ काम करता लोग हमेशा कहते “रोहन तुमसे यह काम नहीं हो पाएगा, तुम छोड़ दो ।”

रोहन लोगो की बाते सुन सुन कर खुद भी मान चुका था कि उससे कोई भी काम नहीं हो सकता है ।

एक दिन रोहन अपने एक दोस्त के साथ खेल रहा था तभी उसका दोस्त वहीं पर बने एक कुए में गिर जाता है ।

दोस्त कुए में गिरते ही ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ लगता है “रोहन, मुझे बचाओ रोहन, मैं कुए में गिर गया हूँ, मुझे यहाँ से बहार निकालो ।”

रोहन दोस्त की आवाज़ सुनता है और भागते हुए कुए के पास जाता है और देखता है कि उसका दोस्त पानी में डूब रहा है ।

रोहन आस-पास देखता है ताकि उनकी मदद के लिए कोई आ जाए लेकिन वहां पर कोई नहीं रहता ।

फिर रोहन को एक तरकीब सूझती है और वह कुए में ही एक रस्सी से टंगी हुई बाल्टी को नीचे फेंकता है और अपने दोस्त से कहता है कि वह उस बाल्टी को अच्छे से पकड़ ले ।

फिर रोहन उस बाल्टी से बंधी हुई रस्सी को ज़ोर से खींचता है लेकिन वह उसे नहीं खींच पाता और हमेशा की तरह उसके मन वह बात आनी शुरू हो जाती है कि वह रस्सी नहीं खींच सकता और उसे यह छोड़ देना चाहिए ।

लेकिन इस बार स्थिति अलग थी और रोहन को पता था कि अगर वह रस्सी नहीं खींच पाया तो उसका दोस्त पानी में डूब जाएगा ।

रोहन पूरी ताकत लगता है और रस्सी को ज़ोर से खींचता है और थोड़ी देर में उसका दोस्त कुए से बाहर आ जाता है ।

रोहन का दोस्त कुए से बहार निकल कर रोहन को उसकी जान बचाने के लिए धन्यवाद् देता है और उससे पूछता है कि उसने कैसे इतनी तकाल लगा ली और रस्सी ऊपर खींच ली ।

रोहन कहता है “मुझे पता नहीं, मुझे बस तुम्हे डूबने से बचाना था, इसीलिए मैंने अपनी पूरी ताकत लगाई और तुम्हे बहार निकल लिया ।”

फिर दोनों रोहन के घर जाते है और पूरी बात बताते है लेकिन उनकी बात कोई भी नहीं मानता और सभी यही कहते है कि रोहन कैसे इतने भार के साथ रस्सी खींच सकता है ।

फिर वे दोनों रोहन के दादा जी के पास जाते है और उन्हें पूरी बात बताते है और दादा जी रोहन की बात मान लेते है ।

घर के बाकि लोग दादा जी से पूछते है कि वो रोहन और उसके दोस्त की बात क्यों मान रहे है ।

दादा जी उन्हें जवाब देते है “देखो, जब रोहन अपने दोस्त को बचाने के लिए रस्सी खींच रहा था तब वहां यह बोलने वाला कोई नहीं था कि रोहन तू यह नहीं कर सकता और इसीलिए रोहन ने अपने आप पे भरोसा किया और इतने भार के साथ भी रस्सी खींच ली । “

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा अपने आप पे विश्वास होना चाहिए चाहे कोई कितना आपको कमज़ोर कहे ।

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