Interesting kahani in Hindi – एक बार की बात है जब एक सूरज नाम का व्यक्ति बिल्लू नाई की दुकान पर अपने बाल कटवाने गया।
तभी बाल कटवाते समय उन दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई और दोनों ही बात करते-करते भगवान के बारे में बात करने लग गए।
तभी बिल्लू नाई ने कहा कि मैं भगवान के अस्तित्व को नहीं मानता और इस दुनिया में कोई भगवान नहीं है।
सूरज ने बिल्लू नाई से पूछा कि तुम भगवान के बारे में ऐसा क्यों कह रहे हो तो?
बिल्लू ने कहा कि भाई हमारी दुकान के सामने एक मंदिर है, उसके बाहर जब तुम जाओगे तो तुम सब समझ जाओगे कि भगवान का अस्तित्व है कि नहीं और भगवान का नाम भी एक झूठ है।
क्योंकि अगर भगवान होते तो इस दुनिया में इतने लोग कभी भूखे नहीं मरते और ना ही इतने लोग इन बड़ी-बड़ी बीमारियों से तड़प-तड़प कर मरते, इसलिए भाई मैं कभी भी भगवान के अस्तित्व को नहीं मानता।
सूरज को नाई की बातें सुनकर बड़ा ही दुख हुआ, लेकिन वो उससे किसी भी बात पर बहस नहीं करना चाहता था और वैसे भी वो उसे किसी भी तरह से समझा नहीं पाता ।
सूरज बाल कटवा कर बिल्लू नाई की दुकान से बाहर आ गया और मंदिर की तरफ देखने लगा। मंदिर के बाहर बहुत सारे लोग बैठे हुए थे और उन सभी लोगों में एक व्यक्ति था जिसकी दाढ़ी और बाल बहुत ही ज्यादा बड़े थे।
सूरज वापस बिल्लू नाई की दुकान में जाकर बिल्लू से बोला कि तुम्हें पता है किसी भी बाल काटने वाले नाई का कोई भी अस्तित्व नहीं होता बल्कि नाई तो होते ही नहीं है।
बिल्लू नाई गुस्सा होकर बोला, अरे मेरा अस्तित्व क्यों नहीं है, क्या मैं तुम्हें दिखाई नहीं दे रहा? मैं तो तुम्हारे सामने ही खड़ा हूँ और अभी-अभी मैंने तुम्हारे भी तो बाल काटे हैं।
सूरज ने कहा कि नहीं भाई नाई नहीं होते, अगर वो होते तो क्या मंदिर के बाहर लंबी दाढ़ी और लंबे बाल वाला आदमी होता।
नाई ने कहा, भाई जब कोई व्यक्ति अपने बाल कटवाने किसी नाई के पास जाएगा ही नहीं, तो कोई नाई उसके बाल कैसे काटेगा?
सूरज ने नाई से कहा कि वह आदमी तुम्हारे पास बाल कटवाने नहीं आएगा तो क्या तुम उसके बाल काटने उसके पास नहीं जा सकते? आखिर वो एक गरीब आदमी है।
नाई ने बहुत ही गुस्सा होकर कहा कि इस दुनिया में तो बहुत सारे गरीब है, तो क्या मैं सबके पास बाल काटने जाता रहूंगा और वो भी बिना पैसों के।
सूरज ने नाई से बड़े ही प्रेम से कहा कि जिस तरह तुम किसी भी अन्य व्यक्ति की बिना दुकान में आए बाल नहीं काट सकते, ठीक उसी तरह भगवान भी होते हैं लेकिन कुछ लोग उन पर बिल्कुल विश्वास और श्रद्धा नहीं रखते इसीलिए भगवान भी उनकी सहायता नहीं कर पाते।
क्योंकि उनके भी कुछ नियम होते हैं और हां भाई चाहे तुम्हारे या हमारे जैसों का अस्तित्व है और हमारे पास चाहे कितना भी पैसा है मगर हम किसी गरीब की सहायता बिल्कुल भी नहीं करते और हम उनकी सहायता क्यों नहीं करते क्या इसका जवाब है आपके पास।
शायद आप तो किसी गरीब को अपनी दुकान के आगे बैठने भी नहीं देते होंगे।
इतना सुनते ही बिल्लू नाई ने शर्म के मारे अपना सर नीचे झुका लिया, तब सूरज ने नाई से कहा कि भाई मेरी बात का बिल्कुल भी बुरा मत मानना लेकिन हम किसी के बारे में अच्छा नहीं कह सकते तो हमें उसके बारे में बुरा भी कभी नहीं कहना चाहिए।
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