अच्छे कर्म का फल | Moral Hindi short story

Moral Hindi short story – एक बार की बात  है जब एक गांव मे एक एक लड़का रहता था, वह बिल्कुल अकेला और अनाथ था, उसके माता-पिता दोनों का देहांत उसके बचपन मे ही हो गया था, लड़का एक छोटी सी झोपडी मे रहता और गांव मे ही लोगो के घर छोटे-मोटे काम करता, जिससे उसका घर चल जाए ।

लड़का दिमाग से बहुत ही तेज़ और होशियार था और उसे पढ़ने का बहुत शौक था, लेकिन गरीब होने के कारण वह स्कूल नहीं जा पाता था । लड़का जिनके घर भी काम करने जाता उनके यहाँ बच्चो को पढ़ते देख उनसे जो भी सिखने को मिलता वह सीख लेता ।

एक दिन लड़का काम करने के लिए जा रहा था तभी रास्ते मे उसे चक्कर आ जाता है क्योकि उसने उस दिन सुबह से कुछ भी नहीं खाया था ।

लड़का पास के ही एक घर मे जाता है और दरवाज़ा खटखटाता है ।

फिर दरवाज़ा खोल एक आदमी बाहर आता है और लड़के से पूछता है “कौन हो भाई, क्या काम है “”

लड़का जवाब देता है “भैया, कृपया मुझे कुछ खाने का दे देंगे, मै भूखा हूँ और मुझे चक्कर आ रहा है ।”

आदमी जवाब देते हुए कहता है “अरे, ऐसे कैसे मै तुझे खाना दे दू, चल भाग यहाँ से ।”

आदमी लड़के को ज़ोर से चिल्ला कर भगा देता है और लड़का वह से आगे निकल जाता है ।

लड़के को फिर से चक्कर आता है और वह सोचता है कि इस बार मै खाना नहीं मांगूंगा, सिर्फ पानी मांग लूँगा, काम से काम चक्कर खाने से बच जाऊ शायद ।

लड़का फिर एक घर मे जाता है और दरवाज़े पर खटखटाता है ।

इस बार अंदर से एक लड़की है और लड़के से पूछती है “जी, कहिये, कौन है आप ?”

लड़का कहता है “बेहज जी. मुझे चक्कर आ रहे है, क्या आप मुझे थोड़ा पीने के लिए पानी दे सकती है “

लड़की को लड़के कि हालत देखकर दया आ जाती है और वह अंदर से दो रोटी और एक गिलास दूध ले आती है ।

लड़का जैसी ही लड़की के हाथ मे खाना देखता है उसकी आँख मे आंसू आ जाते है और वह लड़की से कहता है “बेहेन जी, आपने बिना मांगे ही मुझे खाना दे दिया, इसके लिए मै हमेशा आपका आभारी रहूँगा और क्या मै आपका नाम जान सकता हूँ ?”

लड़की लड़के का धन्यवाद् स्वीकारती है और उसे जवाब देती है “मेरा नाम लक्ष्मी है और तुम मुझे भूखे लगे इसीलिए मैंने तुम्हे खाना दिया ।”

फिर लड़का वहां से अपने काम पर चला जाता है ।

समय बीतता है और वह लड़का बड़ा होकर कुछ अच्छे लोगो की सहायता से पढ़कर डॉक्टर बन जाता है और पास के ही गांव मे एक अच्छे चिकित्सालय मे उसकी नौकरी लगती है ।

एक दिन उस चिकित्सालय मे एक गरीब महिला अपना उपचार करने आती है और वहां काम करने वाला एक कर्मचारी उस लड़के को जानकारी देता है कि पास के ही गांव से एक लक्ष्मी नाम की महिला आई हुई है ।

लड़का गांव और लड़की का नाम सुनकर सोचता है कि कही ये वही लक्ष्मी तो नहीं जिसमे मुझे खाना खिलाया था ।

लड़का जब उस महिला को देखता है तो वह उसे पहचान लेता है और उसका अच्छे से इलाज करता है ।

कुछ दिन बाद महिला स्वस्थ हो जाती है और लड़का उसके पास जा कर कहता है “लक्ष्मी जी, आप ठीक हो चुकी है, अब आप घर जा सकती है, मै आपको आपके सारे इलाज का बिल भिजवाता हूँ  “

ऐसा कहकर लड़का वहां से चला जाता है और महिला मन ही मन सोचती है की उसे कितने पैसे देने होंगे और वह अगर ज्यादा पैसे देने हुए तो वह किसे उनका इंतज़ाम करेगी ।

तभी एक कर्मचारी महिला के पास आकर उसे बिल देता है, महिला बिल देखती और आश्चर्य चकित रह जाती है क्योकि बिल के नीचे मे लिखा हुआ था “बिल का भुगतान कर दिया गया है रोटी और दूध से “

महिला तुरंत लड़के के पास जाती है और उससे कहती है “डॉक्टर साहब, ये बिल मे क्या लिखा हुआ है, मुझे कुछ समझ नहीं आया ?”

लड़का लक्ष्मी को सारी बात याद दिलाता है कि कैसे उसने कई साल पहले उसकी मदद की थी ।

लक्ष्मी सारी बात सुनती है और इस बार लक्ष्मी की आँख मे आंसू आ जाते है और वह लड़के को धन्यवाद देती है ।

इस Moral Hindi short story – अच्छे कर्म का फल कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा लोगो कि सहायता करनी चाहिए, ऐसे व्यवहार वाले व्यक्ति की समय आने पर हर कोई सहायता करता है, क्योकि अच्छे कर्म का फल हमेशा अच्छा ही होता है ।

Also read – Hindi short story for kid – अपना-अपना काम

Also read – Hindi short story for class 1 – दोस्ती और भरोसा

Also read – Hindi short stories for kids – लालची चूहे की कहानी

Also read – Hindi short stories – गट्टू और उसके गुस्से की कहानी

Also read – Hindi short stories for class 1 – कामचोर गधे की कहानी

अगर आपको यह Moral Hindi short story – अच्छे कर्म का फल कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने साथियो के साथ शेयर करे । धन्यवाद् ।

error: Content is protected !!