केवल दो शब्द – Moral stories for childrens in Hindi

Moral stories for childrens in Hindi – एक बार की बात है जब एक प्रसिद्द गुरु अपने मठ में शिक्षा दिया करते थे। पर उनके यहाँ शिक्षा देने का तरीका कुछ अलग था ।

गुरु का मानना था कि सच्चा ज्ञान मौन रह कर ही प्राप्त किया जा सकता है और इसीलिए मठ में सभी शिष्यों के लिए मौन रहने का नियम था ।

लेकिन इस नियम का एक अपवाद था कि पांच साल पूरा होने पर कोई भी शिष्य गुरु से केवल दो शब्द बोल सकता था।

पहले पांच साल बिताने के बाद एक शिष्य गुरु के पास पहुंचा। गुरु जानते थे की आज उसके पांच साल पूरे हो गए हैं ।

उन्होंने शिष्य को दो उँगलियाँ दिखाकर केवल दो शब्द बोलने का इशारा किया।

शिष्य बोला, “बुरा खाना”

गुरु ने ‘हाँ’ में सर हिला दिया।

इसी तरह पांच साल और बीत गए और एक बार फिर वो शिष्य गुरु के समक्ष अपने दो शब्द कहने पहुंचा।

“कठोर बिस्तर” शिष्य बोला।

गुरु ने एक बार फिर ‘हाँ’ में सर हिला दिया।

ऐसा करते-करते पांच और साल बीत गए और इस बार वो शिष्य गुरु से मठ छोड़ कर जाने की आज्ञा लेने के लिए उपस्थित हुआ और बोला, “नहीं होगा”।

गुरु ने जवाब देते हुए कहा “जानता था” और उसे जाने की आज्ञा दे दी और मन ही मन सोचा कि जो थोड़ा सा मौका मिलने पर भी शिकायत करता है वह ज्ञान कैसे से प्राप्त कर सकता है।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें शिकायत करने के बजाय हमेशा समाधान पे ध्यान देना चाहिए, क्योकि अगर परेशानी पे ध्यान रहेगा तो कभी सफलता नहीं मिल पाएगी ।

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