Moral stories in Hindi for class 10 – एक बार की बात है जब एक गांव मे एक व्यापारी रहता था, व्यापारी के पास एक श्याम नाम का आदमी काम करता था ।
व्यापारी श्याम से बड़ा ही खुश रहता क्योकि श्याम अपने काम मे बहुत ही मेहनती और ईमानदार था और उसकी मेहनत से व्यापारी को बहुत फायदा होता था ।
एक दिन श्याम सुबह नींद से उठता है तभी उसे उसकी पत्नी कहती है “श्याम, मै बहुत बीमार हूँ मै आज तुम्हारे लिए खाना नहीं बना पाऊँगी।”
श्याम पत्नी की हालत पे चिंता जताते हुए कहता है “ठीक है, तुम अच्छे से आराम करो, आज मै बाहर ही कुछ खा लूंगा ।”
ऐसा कहकर श्याम काम के लिए घर से निकल जाता है और जैसे ही वह व्यापारी के घर पहुँचता है, व्यापारी श्याम का उदास चेहरा देखकर पूछता है “श्याम, आज तुम बहुत उदास लग रहे हो, कोई परेशानी है क्या ?”
श्याम व्यापारी को जवाब देते हुए कहता है “जी मालिक, आज मेरी पत्नी बीमार है, मुझे उसी की चिंता हो रही है बस, इसलिए मै थोड़ा उदास हूँ ।”
व्यापारी श्याम से कहता है “श्याम, अगर तुम्हे घर जाकर अपनी पत्नी की देखभाल करना है तो तुम आज छुट्टी ले सकते हो ।”
श्याम व्यापारी को छुट्टी लेने से मना कर देता है और अपने काम मे लग जाता है ।
श्याम अपने घर वापस आता है और देखता है कि उसकी पत्नी की हालत और बिगड़ चुकी होती है ।
श्याम की पत्नी उसे कहती है की श्याम उसके लिए कुछ दवाइयाँ ले आए जिन्हे खाकर वह जल्दी से ठीक हो जाए ।
अगले दिन श्याम काम मे जाते समय दवाइयाँ लेने दुकान मे जाता है तब उसे दुकानदार दवाइयों के दाम बताता है जिसे सुनकर श्याम परेशान हो जाता है । श्याम के पास दवाइयाँ खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे ।
श्याम दवाइयाँ नहीं लेता और अपने काम पर चला जाता है । दिनभर काम करने के बाद जब श्याम व्यापारी के पास से घर आने के लिए निकल रहा होता है तभी व्यापारी उसे रोककर कहता है “श्याम, ये कुछ पैसे है, ये मेरी बहन को पोस्ट करके भेज देना ।’
श्याम पैसे लेकर पोस्ट करने निकल जाता है तभी उसके दिमाग मे बात आती है “इतने पैसे पर्याप्त है दवाइयाँ खरीदने के लिए और साथ मे मै कुछ फल भी ले जा सकता हूँ और पैसे कुछ दिनों बाद भेज दूंगा, मालिक को मालूम भी नहीं पड़ेगा ।”
श्याम वैसा ही करता है जैसे उसने सोचा था और दवाइयाँ लेकर घर चला जाता है ।
श्याम जैसे ही घर पहुँचता है, तुरंत अपनी पत्नी को सारी दवाइयाँ देता है और साथ मे फल भी देता है ।
श्याम की पत्नी दवाइयाँ और साथ मे ढेर सारे फल देखकर आश्चर्य मे पड़ जाती है और श्याम से पूछती है “श्याम, मुझे ये बात पता है कि तुम्हारे पास पैसे नहीं है, तो फिर तुम ये दवाइयाँ और साथ मे इतने सारे फल कैसे और कहाँ से लेकर आए ?”
श्याम पहले तो अपनी पत्नी से कहता है कि वो इतना ना सोचे और बस दवाइयाँ खाकर आराम करे लेकिन उसकी पत्नी नहीं मानती और श्याम को सारी बात उसे बतानी पड़ती है ।
श्याम की बात सुनकर उसकी पत्नी बहुत गुस्सा जाती है और उसे कहती है “श्याम, ये तुमने बहुत गलत काम किया है, मै भले बीमार रहूंगी लेकिन इस कपट करके लाए हुए पैसो की दवाइयाँ नहीं खाउंगी, तुम अभी जाओ और ये दवाइयाँ और सारे फल वापस करके पूरे पैसे मालिक को लौटाकर आओ ।”
पत्नी की बात सुनकर श्याम शर्मिंदा हो जाता है और तुरंत व्यापारी के पास पैसे वापस करने जाता है ।
श्याम व्यापारी के पास पहुंचकर उसे सारी बात बताता है और उससे अपनी की हुई गलती के लिए क्षमा मांगता है ।
व्यापारी श्याम की बात सुनकर उसे क्षमा कर देता है लेकिन फिर वह भी श्याम से क्षमा मंगाते हुए कहता है “श्याम मुझे भी क्षमा करदो, तुमने मुझे अपनी पत्नी की बीमारी के बारे मे बताया था लेकिन मैंने तुमसे पैसो के बारे मे पूछा ही नहीं, तुम मेरे सबसे पुराने, ईमानदार और मेहनती कर्मचारी हो और ये मेरी भी जिम्मेदारी है कि मुझे तुम्हारी आर्थिक स्थिति की जानकारी होनी चाहिए ।”
इतना कहकर व्यापारी श्याम को वे पैस दे देता है और उसे उसकी पत्नी का अच्छे से इलाज कराने के लिए कहता है, साथ ही साथ वह श्याम को हर महीने मिलने वाला वेतन भी बढ़ा देता है ।
इस Moral stories in Hindi for class 10 – क्षमा का परिणाम कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा अपनी गलती के लिए क्षमा मांग लेना चाहिए क्योकि गलती मानकर क्षमा मांगने वाले का हमेशा सम्मान किया जाता है ।
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