एक लालची बिल्ले की कहानी | Moral stories in Hindi in short

Moral stories in Hindi in short – एक बार की बात है जब एक मोंटू नाम का बिल्ला बहुत भूखा था और मन ही मन सोच रहा था की कही से उसे कुछ खाने का मिल जाए तो मज़ा आ जाये और तभी वहां से एक पिंटू नाम का दूसरा बिल्ला हाथ में रोटी लिए हुए जा रहा था।

तो मोंटू के मन में पिंटू के हाथ की रोटी देखकर लालच आ गया और तभी मोंटू ने सोचा की किसी तरह से वह पिंटू के हाथ में रखी हुई रोटी ले ले ।

मोंटू ने पिंटू को आवाज़ लगाई ” हेलो पिंटू भाई कैसे हो ?”

पिंटू ने कहा “मैं अच्छा हूँ मोंटू भाई।”

मोंटू ने पिंटू से पूछा “ये रोटी तुम्हे कहा से मिली ?”

पिंटू ने जवाब दिया “पास में ही मेरी मौसी रहती है मैं उनके यहाँ से ही आ रहा हूँ और उन्होंने ने ही मुझे ये रोटी दी है ।”

मोंटू ने चालाकी दिखाते हुए पिंटू से कहा “पिंटू, वो देखो वहां उस पेड़ के पीछे एक चूहा छुपा हुआ है,क्या कहते हो, तुम उस चूहे को छोड़कर इस रोटी को खाओगे ?”

पिंटू ने पेड़ की तरफ देखते हुए पूछा “चूहा , कहा है चूहा , मुझे तो नहीं दिख रहा है ?”

मोंटू ने कहा “अरे ध्यान से देखो, चूहा पेड़ के पीछे ही छुपा हुआ है ।”

फिर पिंटू ने मोंटू से पूछा “मोंटू, चूहा तो तुम्हे भी पसंद है तो तुम क्यों नहीं खा लेते, मैं अभी ये मेरी रोटी खा लूंगा ?”

मोंटू ने जवाब दिया “नहीं पिंटू , मैंने अभी अभी पेट भर खाना खाया है तो मुझे अभी बिलकुल भी भूख नहीं है ।”

पिंटू ने मन ही मन सोचा की चूहा तो रोटी से स्वादिष्ट ही है और रोटी से ज्यादा मज़ा चूहे को खाने में आएगा ।

पिंटू ने मोंटू से कहा “ठीक है मोंटू मैं चूहा पकड़ने जा रहा हूँ ।”

तभी मोंटू ने पिंटू से कहा “अरे पिंटू, तुम यह रोटी मुझे देदो नहीं तो चूहा पकड़ते समय यह ज़मीन में गिर गई तो फिर यह ख़राब हो जाएगी, तुम वापस आ कर इसे ले लेना मैं तुम्हारा यही इंतज़ार करूँगा ।”

पिंटू ने कहा “ठीक है मोंटू , तुम इस रोटी को लेकर यही खड़े रहना, मैं अभी गया और अभी आया ।”

इतना कहकर पिंटू वहां से उस पेड़ की तरफ चला जाता है जहां पर चूहा छुपा हुआ था ।

पिंटू के वहां से निकलते ही  मोंटू के चेहरे पर एक चालाकी भरी हसीं आई और वह मन ही मन बोला “चलो भाई, ये पिंटू तो बेवकूफ बन गया और मुझे यह रोटी मिल गई अब मैं यहाँ से भागता हूँ और कही दूर जा के इस रोटी के मज़े लेता हूँ ।”

फिर मोंटू वहां से भाग जाता है ।

पिंटू जैसे ही उस पेड़ के पीछे पहुँचता है तो वहां उसे कोई चूहा नहीं मिलता है ।

उसे मोंटू के ऊपर बड़ा ही गुस्सा आता है और वो सोचता है की मोंटू ने उससे झूठ क्यों बोला ।

जैसे ही पिंटू वापस उसी जगह पर आता है तो देखता है की मोंटू वहां से रोटी लेकर भाग रहा है ।

पिंटू तुरंत तेजी से मोंटू का पीछा करते हुए उसके पास पहुँचता है और बोलता है,

“मोंटू तुम कहा भाग रहे हो ? मेरी रोटी मुझे वापस करो ।”

मोंटू जवाब देता है “नहीं, ये रोटी तो अब मेरी हो गई है, मैं तुम्हे वापस नहीं करूँगा ।”

पिंटू को मोंटू की बात सुनकर बड़ा गुस्सा आता है पर वह चालाकी से सोचता है और मोंटू से कहता है, “मोंटू, ठीक है ये रोटी तुम ही रख लो लेकिन इसे लेकर तुम उस पुल पर मत जाना, ठीक है ।”

इतना कहकर पिंटू वहां से जाने लगता है ।

मोंटू को ये बात कुछ जमती नहीं है और वह पिंटू से कहता है “रुको पिंटू , तुमने ऐसा क्यों कहा, क्या है उस पुल पर जो तुम मुझे वहां जाने से मना कर रहे हो ?”

पिंटू जवाब देता है “वहां पर एक और बिल्ला है जो बड़ा ही बदमाश है और अगर तुम वहां जाओगे तो वो तुम्हारे हाथ से ये रोटी छीन लेगा ।”

मोंटू को यह बात सुन के बड़ा गुस्सा आता है और वह पिंटू से कहता है “अगर ऐसा है तो फिर मैं वहां ज़रूर जाऊंगा, मैं भी देखता हूँ कौन मुझसे मेरी ये रोटी छिनता है ।”

पिंटू कहता है “मोंटू, तुम क्यों हमेशा सबसे लड़ने की सोचते हो, मैं तो जा रहा हूँ यहाँ से, मुझे बहोत डर लगता है “

मोंटू पिंटू से कहता है “तुम भी मेरे साथ चलो पिंटू, आज तुम भी देख लेना की कैसे मैं उस बिल्ले को सबक सिखाता हूँ “

मोंटू पिंटू को खींचते हुए पुल के ऊपर ले जाता है ।

वहां  पहुंचते ही मोंटू पिंटू से पूछता है “कहा है वो बिल्ला ?”

पिंटू जवाब देता है “वो पुल के निचे है ।”

मोंटू पुल से निचे देखता है तो पानी में उसे उसी का चेहरा दीखता है लेकिन मोंटू लालच में इतना खोया हुआ रहता है की उसे सच में लगता है की निचे कोई और बिल्ला खड़ा है जो उसकी तरह दीखता है ।

उसे देखकर मोंटू बोलता है, “हां  पिंटू, निचे एक बिल्ला है और वह तो पूरा मेरी ही तरह दीखता है और उसके हाथ में भी एक रोटी है. अब तो और मज़ा आएगा मैं उससे उसकी रोटी भी छीन लूँगा और फिर मेरे पास दो रोटियां हो जाएंगी ।”

पिंटू कहता है “रहने दो मोंटू तुम्हारे पास एक रोटी तो है क्यों इतना लालच कर रहे हो ।”

मोंटू को पिंटू की बात सुनकर बड़ा गुस्सा आता है और वो कहता है “पिंटू, तुम डरपोक हो इसीलिए ऐसी बाते कर रहे हो , तुम देखो, कैसे मैं उस बिल्ले से उसकी रोटी छीन कर लाता हूँ ।”

मोंटू अपनी रोटी अपने मुँह  में रख कर जैसे ही उस बिल्ले को पकड़ने के लिए पुल से निचे झुककर अपने दोनों हाथ निचे करता है तो उसके मुँह से रोटी पुल के निचे पानी में गिर जाती है ।

जिसे देखकर वही खड़ा पिंटू जोर जोर से हसने  लगता है और मोंटू से कहता है “देखा मोंटू, लालच करने से कितना नुकसान होता है, अब तुम्हारे पास एक भी रोटी नहीं है खाने के लिए ।

इस एक लालची बिल्ले की कहानी – Moral stories in Hindi in short से हमें यह सिख मिलती है कि लालच करने से हमेशा नुकसान होता है । इसीलिए बड़े बुजुर्ग हमेशा कहते है की लालच करना बुरी बात है ।

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