Moral story in Hindi for kids – एक बार की बात है जब एक राज्य का राजा बड़ा ही अत्याचारी था। वह जंगल में जाकर प्रतिदिन शिकार किया करता। जब उसे जंगल में कोई शिकार न मिलता तो गुस्से में अपनी राजधानी लौट आता और दो-चार कैदियों को तलवार से उड़ा देता।
राजा के इस सनकीपन से प्रजा काफी परेशान रहने लगी। रोज की तरह उस दिन भी राजा अपनी सेना के साथ रवाना होने लगा तो अपने मंत्री से | बोला, “अरे भई! उस कैदी को भी ले आओ जिसे कल फांसी की सजा मिलने वाली है। इस कैदी को ही पेड़ के सहारे बांधकर किसी बब्बर शेर को अपना शिकार बना लेंगे।
हां, पहले बब्बर शेर को इस कैदी का खून पीने देंगे।” मंत्री बोला “जैसी आपकी आज्ञा महाराज, अभी लाता हूं उस कैदी को।” ऐसा कहकर वह उस कैदी को ले आया।
फिर सब उसे जंगल में ले गए। जंगल में पहुंचकर राजा ने कुछ जानवरों को अपना शिकार बनाया लेकिन बब्बर शेर उसे कहीं नहीं दिखाई दिया। उसने अपनी सेना के सभी सदस्यों से कहा, “उस बब्बर शेर की तलाश की जाए और मारकर मेरे कदमों में रखा जाए।”
सेना के सभी सदस्य शेर की तलाश में इधर-उधर चल दिए। इधर, राजा कुछ थका हुआ था। उसके साथ सिर्फ वह कैदी ही था। अचानक राजा की निगाह एक सुनहरे हिरण पर अटकी।
उसने जैसे ही तीर चलाया हिरण झाड़ियों में न जाने कहां ओझल हो गया। राजा ने कैदी से कहा, “तुम जाओ और उस हिरण की तलाश करो और उसे मारकर मेरे पास ले आओ।”
कैदी अपने हाथ में तीर-कमान और रस्सी लेकर हिरण की तलाश में निकल पड़ा। बीहड़ झाड़ियों में उसे हिरण दिखाई दिया। वह चुपचाप उसके पास पहुंचा और उसके गले में रस्सी का फंदा डालकर राजा के पास ले आया।
जिंदा हिरण को देखकर राजा बड़ा खुश हुआ। उसने कैदी से कहा, “लेकिन मैंने तो मारकर लाने को कहा था। तुम इसे जिंदा ही क्यों पकड़ लाए।”
कैदी ने रुंधे स्वर में कहा, “महाराज, मैंने इसे इसलिए नहीं मारा कि इसके भी बच्चे होंगे, अगर इसे मार देता तो वे बेचारे बड़े दुखी होते और रो-रोकर अपने प्राण भी गंवा देते।”
एक कैदी के मुख से ऐसी प्रेरक बात सुनकर राजा मन में सोचने लगा, एक जानवर के प्रति इस फांसी लगने वाले कैदी में इतनी दिया है, तो मनुष्यों के प्रति कितनी दया रखता होगा।’
इस घटना से राजा को ऐसा आघात लगा कि उसने उसी क्षण से शिकार न खेलने की कसम ले ली। फिर अपनी सेना के साथ राजधानी लौट आया। कैदी के साथ जिंदा हिरण भी था।
दूसरे दिन राजा ने प्रजा को बुलाया और कहा, “आज इस कैदी ने मुझे एक नई नसीहत प्रदान की है। इसी वजह से अब से मैं न तो प्रजा को तंग किया करूंगा, न ही भोले-भाले मूक जानवरों को।”
इतना कहकर राजा ने फांसी लगने वाले कैदी को आजाद करते हुए कहा, “तुम इस हिरण को जहां से पकड़कर लाए थे, वहीं छोड़ आओ।”
कैदी खुशी-खुशी हिरण को अपने साथ लेकर जंगल की तरफ चल दिया और उसे उसके बच्चों से मिला दिया।
Also read – अनैतिकता की मिठाई – Hindi kahani cartoon
Also read – चतुर बीरबल | Akbar Birbal Hindi short story
Also read – व्यापारी और उसका गधा – Story Hindi Cartoon
Also read – घमंडी चूहा | Panchatantra short stories in Hindi
Also read – पिता, पुत्र और गधे की सवारी – Panchatantra stories Hindi
Also read – शिकारी, राजा और तोता – Panchatantra stories in Hindi pdf
Also read – दाने दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम – Hindi cartoon kahani
Also read – तेनाली रमन और राजा के घोड़े – Stories of Tenali Raman in Hindi
अगर आपको Moral story in Hindi for kids – राजा का ह्रदय परिवर्तन कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने साथियो के साथ शेयर करे। धन्यवाद् ।