Motivational kahani – एक बार की बात है जब एक बार एक बड़े से हॉल में बहुत सारे लोग बैठे थे। वहां पर दुनिया का एक बहुत ही बड़ा प्रेरक वक्ता आने वाला था।
सब लोग उनकी बातें सुनने के लिए वहां पर आये थे। लगभग दस मिनट के बाद वह प्रेरक वक्ता स्टेज पर आ जाता है।
वह बोलता है कि अगर आपने मेरी बात ठीक से सुन ली और समझ ली तो आपका जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा।
उसके बाद वह अपनी जेब से एक बिलकुल नया चमकता हुआ पांच सौ रूपये का नोट निकालता है और उसको ऊपर करके सबसे पूछता है कि ये नोट आप में से किसको चाहिए?
ये सुनते ही सब लोग अपने-अपने हाथ ऊपर कर देते है। फिर प्रेरक वक्ता बोलता है कि ये नोट मैं आप में से किसी एक को दूंगा, लेकिन इसके लिए आपको थोड़ा इंतज़ार करना होगा।
फिर वह प्रेरक वक्ता उस नोट को अपनी मुट्ठी में बंद कर लेता है और थोड़ी देर तक उसको मसलता है।
अब उस नए नोट में सिलवटे पड़ जाती है और वह थोड़ा सा पुराना दिखने लगता है, वह एक किनारे से थोड़ा फट भी जाता है।
इसके बाद वह फिर उस नोट को ऊपर करके पूछता है कि अब ये पांच सौ का नोट किसको चाहिए।
इस बार भी सभी लोग अपने हाथ ऊपर कर देते है। तब प्रेरक वक्ता ने उस नोट को जमींन पर गिरा दिया और उस नोट पर तीन से चार बार पैर रख दिया।
जिससे नोट और भी पुराना हो गया और उस पर थोड़ी मिट्टी भी लग गयी।
फिर उन्होंने उस नोट को ऊपर किया और पूछा की अब बताओ अब इस नोट को आप में से कौन लेना चाहता है?
इस बार फिर सब के सब ने अपने हाथ ऊपर कर दिए।
प्रेरक वक्ता अब नोट को फिर से निचे जमीन पर गिरा देता है और उसके ऊपर कूद-कूद कर उसको दोनों पैरो से रगड़ देता है और उसके ऊपर चाय भी गिरा देता है।
अब नोट इतना गन्दा हो जाता है कि उसको पहचानना भी मुश्किल होता है।
कोई भी उस नोट को देखता तो यही बोलता कि अब ये सिर्फ एक गन्दा कागज का टुकड़ा है, अब यह बेकार है, इस दुनिया में इसकी कोई वैल्यू नहीं है।
प्रेरक वक्ता ने एक बार फिर उस नोट को उठाया और ऊपर करके सबसे पूछा, अब इस नोट को कौन लेना चाहता है?
इस बार भी सब के सब ने अपने हाथ ऊपर कर दिए। नोट कितना भी गन्दा पुराना मिट्टी में सना हुआ, चाय का दाग लगा हुआ हो, लेकिन अभी भी वह पांच सौ रूपये का नोट ही था। जिंदगी कई बार बड़े-बड़े झटके देती है, आप परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाते हो, या किसी नौकरी में आपका चयन नहीं होता।
जब आपका बुरा समय चल रहा होता है और आप किस कठिन परिस्थिति का सामना कर रहे होते हो।
उसके बाद आपको लगने लगता है कि आप सफलता के लायक ही नहीं है। आपको लगता है की दूसरे लोग आपसे बेहतर है और आप किसी काम के नहीं हो, आपकी कोई मूल्य नहीं है। इस परिस्थिति में हमेशा याद रखो कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितनी बार परिस्थितियों का सामना किया है।
आप जीवन में कितनी बार असफल हुए हो। आपका मूल्य हमेशा वही रहेगा जो पहले था। आपके पास कुछ खास है जो दुसरो के पास नहीं है और ये कोई भी आपसे छीन नहीं सकता। अब तक सफलता नहीं मिलने से आपका मूल्य कम नहीं हुआ है !
आप अभी भी अपने बारे में कितना भी ख़राब महसूस कर रहे हो। उससे कोई फर्क नहीं पड़ता, जो लोग आपको अच्छे से समझते है, वो लोग आपके मूल्य को उतना ही मानेंगे, जितना पहले मानते थे। तो अपनी वैल्यू को समझो और कुछ बड़ा करके दिखाओ।
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