Motivational kahaniya – एक बार की बात है जब एक गांव में एक किसान के पास दो घड़े थे। किसान दोनों घड़ों को लेकर रोज़ सुबह नदी से पानी लेने जाया करता था।
पानी भरने के बाद वह दोनों घड़ों को एक बांस की लकड़ी के दोनो सिरों पर बांध लेता और अपने कंधे पर लादकर घर तक लाता था।
रोज़ सुबह उसकी यही दिनचर्या थी। दोनों घड़ों में से एक घड़ा सही-सलामत था जबकि दूसरे घड़े में एक छोटा सा छेद था ।
इसलिए जब भी किसान नदी से पानी भरकर घर तक पहुँचता, एक घड़ा पानी से लबालब भरा रहता और दूसरे घड़े से पानी निकलने के कारण घड़ा आधा खाली हो जाता।
सही-सलामत घड़े को खुद पर बड़ा घमंड था कि वह किसान के घर तक पूरा पानी पहुँचाता है, जबकि दूसरी तरफ छेद वाला घड़ा खुद को नीचा समझता और हमेशा शर्मिंदा रहता कि वह किसी काम का नहीं है। उसे ग्लानि महसूस होती कि उसके कारण किसान की पूरी मेहनत बेकार चली जाती है।
एक दिन उस छेद वाले घड़े से नहीं रहा गया और उसने किसान से क्षमा मांगते हुए कहा : मालिक! मैं खुद पर बहुत शर्मिंदा हूँ। मैं ठीक से आपके काम नहीं आ पा रहा हूँ।
किसान ने पूछा : क्यों? ऐसी क्या बात हो गई?
घड़े ने बताया : मालिक! शायद आप इस बात से अनजान हैं कि मैं एक जगह से फूटा हुआ हूँ और नदी से घर तक पहुँचते-पहुँचते मेरा आधा पानी निकल जाता है । मेरी इस कमी के कारण आपकी मेहनत बेकार चली जाती है।
यह बात सुनकर वह किसान उस घड़े से बोला : तुम दुःखी मत हो बस आज नदी से वापस आते हुए मार्ग में खिले हुए सुंदर फूलों को देखना। तुम्हारा मन बदल जायेगा ।
छेद वाला घड़ा रास्ते में सुंदर फूलों को देखता हुआ आया। इससे उसका विचलित मन शांत हो गया। लेकिन जब घर पहुँचते ही उसने पाया कि वह पुनः आधा खाली हो चुका है, तो उस पर फिर से उदासी छा गई। उसने किसान से कहा कि वह उसकी जगह कोई अच्छा और सही-सलामत घड़ा ले ले। यह सुनकर किसान बोला : क्या तुमने ध्यान दिया कि बांस के जिस सिरे पर तुम बंधे रहते हो, उस ओर के मार्ग में सुंदर फूल खिले हुए।
जबकि मार्ग के दूसरी और सूखी जमीन है ? ऐसा नहीं है कि मैं इस बात से अनजान हूँ कि तुम फूटे हुए हो। यह बात जानते हुए ही मैंने मार्ग के उस ओर सुंदर और रंग-बिरंगे फूल लगा दिए। जब मैं नदी से पानी भरकर लाता हूँ, तो तुम्हारे द्वारा उन फूलों को पानी मिल जाता है और वे सदा उस मार्ग को हरा-भरा रखते है । तुम्हारे कारण ही वह मार्ग इतना सुंदर हो पाया है। इसलिए तुम खुद को कम मत आंकों ।
इस motivational kahaniya – दुखी घड़े की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कोई भी ऊँचा या नीचा नहीं होता । इस दुनिया में हर इंसान को एक भूमिका मिली हुई है। जिसे हर कोई अच्छे से निभा रहा है। इसलिए जो जैसा है, हमें उसे वैसा ही स्वीकारना चाहिए और उसकी कमजोरियों या बुराइयों के स्थान पर उसकी ताकतों और अच्छाइयों पर ध्यान देना चाहिए।
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