New Kahani Hindi – एक बार की बात है जब घनश्याम जी नाम के एक लेखक के घर पर एक अधेड़ उम्र का नौकर था। वह रोज देर से सोकर उठता था।
उसकी इस आदत से घर वाले बहुत परेशान थे। उन्होंने उस नौकर की शिकायत घनश्याम जी से कर दी और उसे घर से निकालने को कहा।
इसके जवाब में घनश्याम जी ने केवल यही कहा कि उसे प्यार से उसे समझाओ।
सबने उसे समझाया, पर इसके बावजूद उस पर कोई असर न हुआ, अब आप ही समझाकर देखिए उस नौकर को, घरवालों ने घनश्याम जीसे निवेदन किया।
अगले दिन सवेरे घनश्याम जी उठे, एक लोटा पानी भरकर उस नौकर के सिर के पास जाकर खड़े हो गए।
नौकर अभी तक गहरी नींद में ही था। वे उसे धीरे से उठाते हुए बोले- उठिए मालिक, सवेरा हो गया, मुंह हाथ धो लीजिए, मैं अभी आपके लिए चाय और स्नान के पानी का इंतजाम करता हूं। इतना कहकर वे चले गए।
इधर नौकर परेशान हो गया कि ये हो क्या रहा है, कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूं। वह अभी बैठा-बैठा यह सोच ही रहा था, तभी घनश्याम जीचाय लेकर आते दिखाई दिए।
वे बोले- मालिक चाय पीकर स्नान करने चलिए। नौकर बहुत घबराया और क्षमा मांगते हुए बोला- हुजूर, आज के बाद से मेरे देर तक सोकर उठने की शिकायत किसी को नहीं होगी।
इस पर घनश्याम जी मुस्करा दिए। अगले दिन सभी घरवालों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा कि वह नौकर सबसे पहले उठकर घर का सारा काम कर रहा था।
नौकर घनश्याम जी की विनयशीलता से अभिभूत हो गया। घनश्याम जीने अपने घर के लोगों को समझाया कि व्यक्ति के आचरण में निहित विनम्रता का कमाल यही है कि वह सामने वाले व्यक्ति पर बेहद सरलता के साथ अपना प्रभाव डाल देता है।
समाज में अपने व्यवहार द्वारा प्रभाव पैदा करना है तो जीवन में विनम्रता को स्थान दें।
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