दर्जी की चतुर पत्नी – New kahani in Hindi

New kahani in Hindi – एक बार की बात है जब एक गांव में एक टेलर रहता था, जो बड़े छोटे सब के कपडे सिलता था।

कपडे वो बहुत ही अच्छे सिलता जो सालों तक चलते थे।

उस राज्य का राजा बड़ा ही दयालु था। एक बार राजा ने खुश होकर उसको महल बुलाया।

राजकुमारी का कुछ दिन बाद विवाह होने वाला था। राजा ने टेलर को राजकुमारी के लिए अच्छे से अच्छे कपडे बनाने का आदेश दिया।

राजकुमारी का विवाह उसकी मर्जी के खिलाफ हो रहा था। राजकुमारी किसी ओर को चाहती थी। उसका कपडे सिलवाने का जरा भी मन नही था।

टेलर दुसरे दिन सुबह राजकुमारी के कपड़ों की सिलाई के लिए माप लेने आ गया। राजकुमारी ने विवाह से बचने के लिए एक योजना बना ली।

उसने टेलर को अपने शयनकक्ष में बुलाया। दासियों को कमरे से बाहर चले जाने का आदेश दे दिया।

जैसे ही टेलर ने माप लेना शुरू किया, कुछ ही क्षणों में राजकुमारी जोर जोर से रोने लगी।

टेलर डर के मारे स्तब्ध हो गया, उसको कुछ समझ में आये उससे पहले ही राजकुमारी के शयनकक्ष में सब दौड़े चले आए।

सिपाही, दासियाँ एवं राजा खुद भागते हुए इकठ्ठे हो गए। राजकुमारी ने टेलर पर उसको छेड़ने का आरोप लगा दिया।

टेलर खड़ा-खड़ा कांप रहा था। उसने रोते-रोते राजा को बताया की उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया है लेकिन राजा ने एक न सुनी।

टेलर को कैद कर लिया और मौत की सजा सुना दी। राजा ने ऐलान कर दिया कि जब तक राजकुमारी पूर्णतया स्वस्थ नहीं हो जाती उसका विवाह नहीं होगा।

इस बात का पता टेलर की पत्नी को चला। वो भागते हुए राजमहल पहुंची।

उसने अपने पति के अच्छे चरित्र के कई प्रमाण दिए लेकिन राजा को अपनी बेटी के अपमान के सामने कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।

टेलर की पत्नी पर दया खा कर राजा ने आजीवन भरण पोषण का प्रस्ताव दिया।

टेलर की पत्नी ने राजा का प्रस्ताव ठुकरा दिया और एक वचन की मांग की।

राजा ने टेलर की जिंदगी को छोड़कर जो चाहे मांगने का वचन दिया। तब टेलर की पत्नी ने बताया की वह जो भी मांगेगी राजा से अकेले में मांगेगी, उसको दरबार के लोगों पर भरोसा नहीं है।

राजा ने उसकी बात मान ली और उसको अपने कक्ष में बात करने बुलाया। तभी कुछ क्षणों में राजा के कक्ष से जोर जोर से रोने की आवाजे आने लगी।

सब इकठ्ठे हो गए। राजा क्रोध से तिलमिला उठा। तभी टेलर की पत्नी ने सबको बताया की राजा ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया है।

सभी राज दरबारी राजा को गुनाह की नजरों से देखने लगे। अब राजा को पूरी बात समझ में आयी।

उसने तुरंत टेलर को रिहा करने का आदेश दे दिया । उसने टेलर और उसकी पत्नी से अनजाने में हुए अपराध की माफ़ी मांगी।

टेलर की पत्नी ने भी राजा पर लगाये गलत गुनाहों की माफ़ी मांगी। दोनों सम्मान के साथ घर पहुंचे और अपनी जिंदगी हंसी ख़ुशी के साथ बीताई।

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि अक्सर दो व्यक्तिओ के बीच अकेले में घटी घटनाओ में कुछ बाते अनकही रह जाती है ।

दोनों में से जिसके शुभचिंतक अधिक होते है, उसकी बात का भरोसा किया जाता है और दुसरे व्यक्ति को बोलने का मौका तक नहीं दिया जाता है। ऐसे में निर्दोष व्यक्ति मानसिक एवं शारीरिक सजाओ का भोगी बन जाता है।

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