धरती फट रही है – Panchatantra stories for kids

Panchatantra stories for kids – बहुत समय पहले की बात है, किसी जंगल में एक गधा बरगद के पेड़ के नीचे लेट कर आराम कर रहा था. लेटे-लेटे उसके मन में बुरे ख़याल आने लगे, उसने सोचा, ”यदि धरती फट गयी तो मेरा क्या होगा?”

अभी उसने ऐसा सोचा ही था कि उसे एक जोर के धमाके की आवाज़ आयी। वह भयभीत हो उठा और चीखने

लगा ”भागो-भागो धरती फट रही है, अपनी जान बचाओ” और ऐसा कहते हुए वह पागलों की तरह एक दिशा में भागने लगा।

उसे ऐसा भागता हुआ देख एक अन्य गधे ने उससे पूछा, ”अरे क्या हुआ भाई, तुम इस तरह भागे क्यों जा रहे हो?” इस पर गधा भागते हुए बोला “अरे भाई तुम भी भागो, अपनी जान बचाओ, धरती फट रही है”, ऐसा चीखते हुए वह भागता रहा।

यह सुनकर दूसरा गधा भी डर गया और उसके साथ भागने लगा।

अब तो वह दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे “भागो-भागो धरती फट रही है, भागो-भागो।” देखते-देखते वहां के और भी गधे इस बात को दोहराते हुए उसी दिशा में भागने लगे।

गधों को इस तरह भागता देख अन्य जानवर भी डर गए। धरती फटने की खबर जंगल में आग की तरह फैलने लगी और जल्द ही सबको पता चल गया की धरती फट रही है।

चारो तरफ जानवरों के बीच हड़कंप मच गया, सांप, बिच्छु, सीयार, लोमड़ी, हाथी, घोड़े सभी उस झुण्ड में शामिल होकर भागने लगे।

जंगल में फैले इसे हो-हल्ले को सुन अपनी गुफा में विश्राम कर रहा जंगल का राजा शेर बाहर निकला, उसे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ कि सारे जानवर एक ही दिशा में भागे जा रहे हैं।

वह गुफा से बहार निकलकर सबके सामने आया और गूंजती हुई दहाड़ के साथ बोला, ”ये क्या पागलपन है? कहाँ भागे जा रहे हो तुम सब?”

राजा जी, धरती फट रही है, आप भी अपनी जान बचाइए।“ झुण्ड में आगे खड़ा बन्दर बोला।

किसने कहा ये सब ?”, शेर ने प्रश्न किया।

शेर का प्रश्न सुनकर सब एक दूसरे का मुंह देखने लगे, फिर बन्दर बोला, ”मुझे तो ये बात चीते ने बतायी थी।”

चीते ने कहा, ”मैंने तो ये पक्षियों से सुना था।”

और ऐसा करते-करते पता चला कि ये बात सबसे पहले गधे ने बताई थी। गधे को शेर के सामने बुलाया गया।

“तुम्हे कैसे पता चला कि धरती फट रही है?”, शेर ने गुस्से से पूछा।

“गधे ने डरी हुई आवाज़ में उत्तर दिया “मैंने अपने कानो से धरती के फटने की आवाज़ सुनी राजा जी।”

ठीक है चलो, मुझे उस जगह ले चलो और दिखाओ कि कहाँ धरती फट रही है।” ऐसा कहते हुए शेर गधे को उस तरफ ढकेलता हुआ ले जाने लगा।

बाकी जानवर भी उनके पीछे-पीछे डरते हुए चलने लगे। बरगद के पेड़ के पास पहुचकर गधा बोला, ”राजा साहब, मैं यहीं सो रहा था, तभी जोर से धरती फटने की आवाज़ आई और मैंने खुद उड़ती हुई धूल देखी है।

शेर ने उस जगह में जाकर देखा जहा से गधे को आवाज़ आई थी और वहां पहुंचते ही उसे सारा मामला समझ में आ गया। फिर उसने सभी को संबोधित करते हुए कहाँ ”साथियो, ये गधा महामूर्ख है, दरअसल पास ही नारियल का एक ऊँचा पेड़ है और तेज हवा चलने से उस पर लगा एक बड़ा सा नारियल नीचे पत्थर पर गिर गया।

पत्थर सरकने से आस-पास धूल उड़ने लगी और ये गधा ना जाने कैसे इसे धरती फैट रही है समझ बैठा, पर साथियो ये तो गधा है, क्या आप लोगो पास भी  दिमाग नहीं है, अगली बार किसी अफवाह पर यकीन करने से पहले दस बार सोचियेगा।”

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