पिता, पुत्र और गधे की सवारी – Panchatantra stories Hindi

Panchatantra stories Hindi – एक बार की बात है जब एक गांव में एक आदमी अपने बेटे के साथ एक मेले से वापस लौट रहा था । मेले से उसने एक गधा खरीदा था जिसे वह अपने साथ लेकर चल रहा था ।

तभी रास्ते में में खड़ा एक आदमी उन्हें देखकर कहता है “अरे, ये कैसे मूर्ख है, साथ में गधा है फिर भी दोनों पैदल चल रहे है ।”

आदमी की बात सुनकर उन्हें लगता है कि बात तो सही है और वे दोनों गधे के ऊपर बैठ जाते है ।

थोड़ी दूर चलने के बाद फिर एक आदमी पिता को देखकर कहता है “अरे, ये कैसा निर्दयी आदमी है, इतना हट्टा-कट्टा होने के बावजूद भी गधे के ऊपर बैठा है, बिचारा कमज़ोर गधा ठीक से चल भी नहीं पा रहा है ।”

यह सुनकर पिता को गधे के लिए बुरा लगता है और वह गधे से उतर जाता है ।

थोड़ी दूर और चलने के बाद फिर एक व्यक्ति आदमी के बेटे को देखकर कहता है “अरे, कितना बेशरम लड़का है, बाप पैदल चल रहा है और जवान बेटा गधे की सवारी कर रहा है, अच्छा होता है कि लड़का पैदल चलता और अपने बाप को गधे पर बैठाता ।”

यह सुनकर लड़का गधे से उतर जाता है और अपने पिता को गधे पर बैठा देता है ।

थोड़ी दूर और चलने पर एक औरत इन्हे देखकर कहती है “कैसा स्वार्थी आदमी है, खुद तो मज़े से गधे पर बैठा है और अपने मासूम से लड़के को पैदल चला रहा है ।”

औरत की बात सुनकर दोनों परेशान हो जाते है और गधे के चारो पैर एक बड़ी लकड़ी में बांधकर उसे उठा लेते है और अपने गांव की तरफ चलना चालू करते है ।

जैसे ही वे दोनों अपने गांव पहुंचते है, गांव की चौपाल पर बैठे सभी लोग उन्हें देखकर ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगते है ।

उन्ही में से एक वृद्ध व्यक्ति दोनों से पूछता है “तुम दोनों इस गधे को ऐसे उठाकर क्यों ला रहे हो ?”

पिता वृद्ध व्यक्ति को रास्ते की सारी बात बताता है जिसे सुनकर वृद्ध कहता है “अपने दिमाग का उपयोग ना करके तुम दुसरे की बातें सुनते रहे जिसके कारण सब तुमपे हंस रहे है ।”

इस Panchatantra stories Hindi – पिता, पुत्र और गधे की सवारी कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी कार्य को करने के लिए हमें हमेशा अपने दिमाग का उपयोग करना चाहिए क्योकि हम हमेशा सभी को संतुष्ट नहीं कर सकते है ।

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