Short story about friendship – एक बार की बात है जब एक बड़ी सी झील में बहुत सारी छोटी-छोटी मछलियों का झुण्ड रहता था, सारी मछलियाँ एक दुसरे की बहुत अच्छी दोस्त थी । उसी झुंड में एक बड़ी मछली भी रहती थी ।
बड़ी मछली हमेशा दुखी रहती और शिकायत करती की उसे छोटी मछलियों के बीच में रहता अच्छा नहीं लगता है, उसे हमेशा लगता की उसे उसके बराबर की मछलियों के साथ रहना चाहिए ।
बड़ी मछली को हमेशा दुखी देख सारी छोटी मछलियाँ उसे समझाते हुए कहती कि वे सारे दोस्त है और सब को मिलकर साथ में ही रहना चाहिए लेकिन बड़ी मछली उनकी बातो पर ध्यान नहीं देती थी ।
एक दिन बड़ी मछली को फिर दुखी होकर शिकायत करते हुए देख झुंड में से एक छोटी मछली उसे कहती है कि बारिश होने के कारण झील में एक छोटा सा नाला बन गया है जो सीधा पास की एक बड़ी नदी में जाकर मिल रहा है, तो उसे वहां चले जाना चाहिए, वहां उसे उसके बराबर की मछलियों के साथ रहने को मिल जाएगा ।
छोटी मछली की बात सुनकर बड़ी मछली खुश हो जाती है और तुरंत नाले से होते हुए बड़ी नदी में पहुंच जाती है ।
वहां पहुंचते ही वह देखती है कि वहां उससे भी बड़ी-बड़ी मछलियाँ रहती है जिन्हे देखकर वह खुश हो जाती है और सभी मछलियों से एक-एक कर मिलती है । कुछ मछलियाँ उससे अच्छे से बात करती है लेकिन जो उससे बड़ी मछलियाँ रहती है वो डरती है और धक्का देकर भगा देती है ।
कुछ देर बाद रात हो जाती है और बड़ी मछली सोने की जगह ढूंढती है तभी उसे एक पत्थर से बानी हुए जगह दिखती है और वह वहां जाकर सो जाती है ।
थोड़ी देर बाद वहां एक मछली आती है और उससे चिल्लाकर कहती है “अरे, तू कौन है, और मेरी जगह में कैसे सो रही है ?”
बड़ी मछली जवाब देती है “मै यहाँ नई आई हूँ, मेरे पास सोने की जगह नहीं है, मुझे यह जगह खाली दिखी इसीलिए मै यहाँ आकर सो गई ।”
दूसरी मछली उसकी बात सुनती है और उसे चिल्लाकर वहां से भगा देती है ।
बड़ी मछली वहां की और मछलियों से कहती है कि उसे सोने की जगह देते लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं करता है और उल्टा सभी उसे चिल्लाकर वहां से भगा देते है ।
बड़ी मछली को एहसास होता है कि वह अपने झील में सारे दोस्तों के साथ कितने अच्छे से रहती थी और उसके सारे दोस्त उसकी कितनी मदद करते थे ।
वह तुरंत झील वापस आ जाती है और अपने सभी दोस्तों से कहती है “मुझे माफ़ कर दो दोस्तों, मुझसे गलती हो गई और अब मुझे अहसास हो गया है कि अच्छे दोस्त चाहे छोटे हो, बड़े हो, या बराबर के हो, दोस्त-दोस्त ही होते है “
इस Short story about friendship – दुखी मछली की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर कोई आपका अच्छा दोस्त है तो हमेशा उसकी सराहना करे भले वह शरीर से या मैं से कितना भी कमज़ोर हो ।
Also read – Moral Hindi short story – अच्छे कर्म का फल
Also read – Hindi short story for kids – बदक और आज्ञाकारी बच्चे
Also read – Moral stories in Hindi for kids – चींटी और घमंडी हाथी
Also read – Small story for kids in Hindi – तीन मछलियों की कहानी
Also read – Short story in Hindi with moral values – ईमानदार गाय
अगर आपको यह Short story about friendship – दुखी मछली की कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने साथियो के साथ शेयर करे। धन्यवाद्।