मेहनत का फल | Short story for kids in Hindi

Short story for kids in Hindi – एक बार की बात है जब में एक विद्यालय में एक राहुल नाम का क्षैत्र पढता था । राहुल पढाई में बड़ा ही कमज़ोर थे जिसके कारन उसे उसके सरे शिक्षक बड़ा डाँटते थे और उसके सारे साथी उसे चिढ़ाते थे ।

एक दिन एक कक्षा में हिंदी विषय के शिक्षक आते है और बारी-बारी सभी छात्रों को खड़े होकर पथ की पंक्तियाँ पढ़ने बोलते है ।

सारे छात्र एक-एक कर के खड़े होते है और अपने-अपने हिस्से की पंक्तियाँ पढ़ते है फिर राहुल की बारी आती है राहुल में आत्मविश्वास भिल्कुल भी नहीं था, वह घबराते हुए खड़ा होता है और अटक-अटक कर पढ़ना शुरू करता है ।

राहुल के दो पंक्तियाँ ख़तम होते ही वहा खड़े शिक्षक गुस्साकर उसे कहते है “राहुल, तुम हिंदी की पंक्तियाँ भी नहीं पढ़ पा रहे हो, तुम अपने जीवन क्या करोगे, कितने मूर्ख हो तुम ।”

शिक्षक की बात सुनकर वहां बैठे सारे विद्यार्थी हंसाने लगते है और उस दिन से राहुल नाम मूर्ख ही पड़ जाता है और सारे बच्चे हमेशा उसे मूर्ख राहुल के नाम से ही चिढ़ाने लगे ।

राहुल को अपने शिक्षक की बात बहुत ही बुरी लगती है और वह रोने लगता है लेकिन घर वापस आकर वह निर्णय लेता है की मुझे सभी को दिखाना है की वह मूर्ख नहीं है ।

साल बीतते है और एक दिन वह हिंदी के शिक्षक एक बैंक में पैसे निकालने जाते है और जैसे ही वह बैंक के अंदर घुसते है उनकी नज़र कैश काउंटर पर बैठे नए लड़के पर पड़ती है और थोड़ी देर तक विचार करने के बाद शिक्षक राहुल को पहचान जाते है और मन ही मन कहते है “अरे, ये तो मेरे विद्यालय का मूर्ख छात्र है, यह यहाँ क्या कर रहा है, यह तो इतना मूर्ख था इसे यहाँ काम कैसे मिल सकता है । “

फिर शिक्षक की बारी आती है पैसे निकालने की और वे कॅश काउंटर पर जाते है और जाकर अपनी पर्ची दिखते है और चुप-चाप खड़े हो जाते है ।

कॅश काउंटर पर राहुल रहता है और वह अपने शिक्षक को देखते ही पहचान जाता है ।

राहुल पैसे देने के बाद तुरंत बहार आता है और शिक्षक के पैर छूकर उन्हें प्रणाम करता है ।

शिक्षक राहुल को नहीं पहचानने का नाटक करते है फिर राहुल कहता है “अध्यापक जी आपने मुझे पहचाना नहीं , मै आपकी कक्षा का राहुल जिसे आपने मूर्ख राहुल नाम दिया था ।”

कुछ देर तक विचार करने का नाटक करते हुए शिक्षक राहुल को पहचान जाते है और राहुल से क्षमा मंगाते हुए कहते है “राहुल, मुझे क्षमा कर दो, मैंने तुम्हारा मज़ाक उड़ाया था लेकिन आज मुझे तुम्हे यहाँ देखकर बड़ा ही गर्व हो रहा है ।”

राहुल कहता है “अरे अध्यापक जी, आप कृपया क्षमा मनगर मुझे शर्मिंदा मत कीजिये, बल्कि मै आपको धन्यवाद् कहना चाहता हूँ क्योकि मै आज जो भी हु आपकी उस दन्त के कारण ही हूँ । जब आपने मुझे डांटा तो उस समय तो मुझे बड़ा ही बुरा लगा लेकिन फिर मैंने निर्णय लिया की अब मै बहुत म्हणत करूँगा और सबको बताऊंगा की मै मूर्ख नहीं हूँ, बस उसी दिन से मैंने मेहनत की और इस बैंक में नौकरी लग गई  “

शिक्षक की आँख से आंसू निकल आते है और वे राहुल को गले लगा लेते है ।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी कोई बड़ा हमारी बुराई करे या हमारे काम में कोई कमी निकाले तो हमें उसमे गुस्साना नहीं चाहिए बल्कि उसे सुझाव पूर्वक लेकर उसपे मेहनत करके उस कमी को ठीक करना चाहिए ।

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