गरीब किसान | Short story in Hindi for class 2

Short story in Hindi for class 2 – एक बार की बात है जब एक गांव में एक गरीब किसान रहता था । किसान की आर्थिक स्थिति बहुत ही ख़राब थी और उस साल किसान की फसल पर्याप्त मात्रा में पानी ना मिलने के कारन ख़राब हो चुकी थी ।

किसान परेशान हो जाता है और मदद मांगने के लिए एक व्यापारी के पास जाता है और उससे कहता है “सेठ जी, मेरी फसल इस बार पूरी तरह से ख़राब हो चुकी है कृपया मुझे कुछ पैसे उधार दे दीजिये ।”

व्यापारी थोड़ा घमंडी रहता है और किसान से कहता है “मै तुम्हे पैसे उधर दूंगा तो तुम उसे वापस कब लौटाओगे ?”

किसान कहता है “सेठ जी, जब अगली बार मेरी फसल होगी तब मै लौटा दूंगा । “

व्यापारी कहता है “मै तुम्हे पैसे नहीं दे सकता, मै तुम्हारी फसल आने तक इंतज़ार नहीं कर सकता ।”

फिर किसान कहता है “सेठ जी, ठीक है आप मुझे पैसे मत दीजिये लेकिन कम से कम अपने यहाँ मुझे कुछ काम दे दीजिये ।”

व्यापारी मन ही मन सोचता है “मुझे मेरे खेत में काम करने के लिए एक मजदूर तो चाहिए ही तो इसे ही काम दे देता हूँ ।”

व्यापारी किसान से कहता है “ठीक है, मै तुम्हे अपने खेत में काम दे रहा हूँ और तुम्हे दिन के दो सौ रुपये दूंगा ।”

किसान व्यापारी की बात मान जाता है और अगले दिन से काम करने व्यपारी के खेत में जाने लगता है ।

कुछ दिन बाद व्यपारी किसान से कहता है “मेरे खेत में काम पूरा हो चूका है और अब मुझे तुम्हारी ज़रूरत नहीं है तो कल से तुम मत आना ।”

व्यापारी की बात सुनकर किसान रोते हुए कहता है “सेठ जी, कृपया मुझे मत निकालिये, भले मुझे कुछ कम पैसे दे दीजियेगा, मेरा घर आपके दिए हुए पैसो से ही चल रहा है, आप मुझे दूसरा काम दे दीजिये ।”

व्यापारी किसान को मना करता है और उसे वहां से जाने के लिए कहता है ।

किसान वहां से चला जाता है और अगले दिन फिर व्यापारी के घर आता है और कहता है “सेठ जी, कृपया मुझे कुछ काम दे दीजिये नहीं तो मेरा परिवार भूखा रह जाएगा ।”

व्यापारी किसान से चिल्लाते हुए कहता है “मैंने तुम्हे पहले ही कहा है, मेरे पास अभी कोई भी काम नहीं है तुम यहाँ से जाओ ।”

किसान वहां से चला जाता है और फिर वह रोज़ व्यापारी के घर के सामने आ के बैठ जाता और व्यापारी से काम मांगता ।

व्यापारी किसान से परेशान हो जाता है और सोचता है “मुझे कुछ दिन के लिए सह परिवार कही बाहर चले जाना चाहिए, जब घर में कोई नहीं मिलेगा तो किसान आना बंद कर देगा ।”

ऐसा सोचकर व्यापारी कुछ दिनों के लिए बाहर चला जाता है ।

व्यापारी जब गांव वापस आता है तो आस-पास के लोगो से जानकारी लेता है कि वह किसान आया था या नहीं ।

व्यापारी का एक पडोसी उसे बताता है “अरे भाई साहब, आपके जाने के दो दिन बाद दो चोर आपके घर चोरी करने के लिए आए थे वो तो भला हो उस किसान का जिसने उन चोरो को सामना किया और उन्हें भगा दिया लेकिन बिचारा खुद घायल हो गया ।”

पडोसी की बात सुनकर व्यापारी आश्चर्य में पड़ जाता है और तुरंत किसान के घर जाता है ।

जैसे ही व्यापारी किसान के घर पहुँचता है तो देखता है कि किसान घायल अवस्था में अपने बिस्तर पर लेता हुआ है ।

व्यपारी किसान से कहता है “तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद्, अगर तुम नहीं होते तो मेरे घर में चोरी हो जाती और पता नहीं मेरा कितना नुकसान हो जाता, और मै तुमसे माफ़ी मांगता हूँ कि मैंने तुम्हे काम के लिए इतना परेशान किया और मै तुमसे आग्रह करता हूँ कि तुम जैसे ही ठीक हो जाओगे, मेरे घर काम पर आ जाना ।”

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें सभी के साथ अच्छा व्यव्हार करना चाहिए क्योकि पता नहीं हमारे बुरे समय में कम कौन हमारे काम आ जाए।

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