अकबर का गुस्सा | Short story of Akbar and Birbal in Hindi

Short story of Akbar and Birbal in Hindi – एक बार की बात है जब बादशाह अकबर अपने कमरे में सो रहे थे । अचानक सबह-सुबह उनकी नींद खुलती है और वे अपने नौकर को आवाज़ लगाते लेकिन कोई भी नहीं आता।

तभी एक सफाई करने वाला उनके कमरे के सामने आता है और उसे देख अकबर कहते है “सुनो, मेरे लिए थोड़ा पिने का पानी लेकर आओ, मेरा गला बहुत सुख गया है ।”

सफाई वाला पानी लेकर कर आता है और अकबर को देता है, अकबर पानी पीकर फिर से सो जाते है ।

जब अकबर दुबारा नींद से जागते है तो उनके पेट में दर्द उठता है और उनकी तबियत ख़राब हो जाती है ।

कुछ देर बाद वहां वैद्य को लाया जाता है और वैद्य अकबर से पूछते है “क्या आपने सुबह से कुछ खाया या कुछ पिया है ?”

अकबर कहते है “हां, मैंने सुबह-सुबह पानी पिया है और वह भी एक सफाई करने वाले के हाथ से, मुझे लगता है वही मनहूस है ।”

फिर अकबर अपने सिपाहियों से कहते है “जाओ, उस मनहूस सफाई वाले को पकड़ कर लाओ और उसे फांसी पर लटका दो ।”

सफाई करने वाला जैसे ही यह बात सुनता है वह तुरंत बीरबल के पास जाता है और उसे कहता है “बीरबल जी कृपया मुझे बचा लीजिये और फिर सारी बात समझाता है ।”

बीरबल सफाई वाले की बात सुनता है और उसे कहता है कि तुम चिंता मत करो, तुम्हे फांसी की सजा से मई बचाऊंगा ।

कुछ देर बाद बीरबल अकबर से मिलने उनके कमरे में जाता है और वहां पहुंच कर अकबर से उनके तबीयत के बारे में पूछता है ।

अकबर जावद देते हुए कहते है “सुबह-सुबह एक मनहूस सफाई करने वाले ने मुझे पानी पिलाया जिसके कारण मेरी तबियत ख़राब हो गई ।”

फिर बीरबल पूछता है “जहांपना, मैंने सुना है कि आपने उसे फांसी की सजा दे दी है ?”

अकबर कहते है “हा, उस मनहूस के कारण ही मेरी तबियत ख़राब हुई है, तो उसे सजा तो मिलनी ही थी ।”

बीरबल कहता है “जहांपना, लेकिन मेरे हिसाब से मनहूस वो नहीं, मनहूस तो आप है ।”

बीरबल कि बात सुनकर अकबर आश्चर्य में पड़ जाते और बीरबल से कहते है “बीरबल, तुम्हारा दिमाग ख़राब हो गया है क्या, यह कैसी बात कर रहे हो ?’

बीरबल कहता है “मै क्षमा चाहता हु जहांपना, लेकिन ये बात सही है, क्योकि अगर आपके हिसाब से वह मनहूस है जिसके कारण आपकी तबियत ख़राब हो गई तो फिर सोचिये उसके लिए आप कितने ज्यादा मनहूस है कि सुबह-सुबह उसने आपका चेहरा देखा और उसे फांसी की सजा हो गई ।”

अकबर बीरबल की बात समझ जाते है कि वह उन्हें क्या समझाना चाह रहा है और बीरबल की मान कर वे सफाई वाले की फांसी की सजा माफ़ कर देते है ।

इस Short story of Akbar and Birbal in Hindi – अकबर का गुस्सा कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी क्रोध में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए क्योकि क्रोध में लिया गया निर्णय हमेशा गलत ही होता है ।

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