Small moral stories in Hindi – एक बार की बात है जब एक राज्य में एक बहुत ही दयालु राजा था, वह अपनी प्रजा का बहुत ही ध्यान रखता था साथ ही साथ वह पशु , पक्षी और सभी जानवरो से बहुत लगाव रखता था और उसने कभी भी किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया था ।
राजा से सारे लोग बहुत ही खुश थे चाहे वो उसके ही राज्य के हो या फिर दुसरे राज्य के, सभी लोग राजा को बहुत पसंद करते थे ।
एक दिन राजा के पास एक व्यापारी आता है और वह राजा को दो छोटे-छोटे पक्षी के बच्चे उपहार में देता है ।
राजा इस उपहार से बहुत ही खुश होता है क्योकि राजा को पक्षी बहुत पसंद थे ।
राजा अपने राज्य से एक आदमी को बुलाता है और उसे उन दोनों पक्षियों को उड़ना सिखाने के लिए कहता है ।
कुछ दिनो बाद राजा का मन करता है उन दोनों पक्षियों को देखने का और वह अपने महल के पीछे उस उद्यान में जाता है जहां वो दोनों पक्षियो को रखा गया था ।
राजा जब वह पहुँचता है तो देखता है कि दोनों पक्षी एक की डगाल पर बैठे हुए थे ।
उन्हें देखकर राजा उस आदमी से पूछता है जो पक्षियों को उड़ने की शिक्षा दे रहा था कि क्या ये दोनों पक्षी उड़ना सीख गए ?
वह आदमी बिना कोई जवाब दिए दोनों पक्षियों को आवाज़ लगता है ।
जैसे ही वो आवाज़ लगताता है दोनों में से एक पक्षी उड़ने लगता है जिसे देखकर राजा बहुत खुश हो जाता है लेकिन जब वह दुसरे पक्षी को देखता है तो वह निराश हो जाता है क्योकि दूसरा पक्षी उसी डगाल पारा बैठा हुआ था ।
राजा उस आदमी से पूछता है कि ये पक्षी क्यों नहीं उड़ रहा है ?
आदमी जवाब देता है कि राजा जी, मैंने बहुत कोशिश कर ली लेकिन ये पक्षी उड़ता ही नहीं है ।
राजा तुरंत अपने सिपाहियों को आदेश देता है कि ऐसा कोई आदमी लेकर आओ जो इस पक्षी को उड़ना सीखा सके ।
दूसरे दिन सिपाही एक बुज़ुर्ग आदमी को लेकर आते जो पूरे राज्य में सबसे अच्छा पक्षियों का शिक्षक था ।
राजा उसे कहता है कि अगर तुमने इस पक्षी को उड़ना सीखा दिया तो मै तुम्हे ढेर सारा उपहार दूंगा ।
वह बुज़ुर्ग आदमी तुरंत ही अपने काम में लग जाता है और कुछ देर बाद ही राजा से कहता है कि ये पक्षी उड़ना सीख गया ।
राजा सोच में पड़ जाता है कि कैसे सिर्फ कुछ समय में ही ये बुज़ुर्ग आदमी एक पक्षी को उड़ना सीखा सकता है ।
जैसे ही राजा उस उद्यान में पहुँचता है तो देखता है कि दोनों पक्षी उड़ रहे है ।
राजा उस बुज़ुर्ग आदमी से पूछता है कि ये तुमने कैसे इतने कम समय में कर लिया ?
वह बुज़ुर्ग आदमी राजा को उस पेड़ कि तरफ देखने को कहता है और कहता है कि राजा जी मैंने इस पेड़ कि डगाल हो ही काट दिया है क्योकि उस पक्षी के ना उड़ने का कारण सिर्फ पेड़ कि यह डगाल थी ।
फिर राजा का ध्यान उस पेड़ पर जाता है जहां वो पक्षी बैठते थे, उस पेड़ कि डगाल कटकर नीचे गिरी हुई थी ।
वह बुज़ुर्ग आगे कहता है कि कभी भी किसी पक्षी को उड़ना सीखना नहीं पड़ता बल्की यह तो उनमे एक प्राकृतिक कला होती है और यह पक्षी सिर्फ आलस्य के कारण उड़ नहीं रहा था तो मैंने वह डगाल ही काट दी जहां ये बैठता था और अब इस पक्षी के पास बैठने के लिए और कोई जगह नहीं है तो ये उड़ रहा है ।
राजा उस बुज़ुर्ग आदमी कि चतुराई से बहुत खुश होता है और उसे ढेर सारे सोने के सिक्के उपहार में देता है ।
इस Small moral stories in Hindi – राजा और आलसी पक्षी की कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमे अपने किसी भी काम को करने में आलस्य नहीं दिखाना चाहिए क्योकि भगवान् ने हमारा शरीर काम करने के लिए ही बनाया है ।
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