Small short stories with moral values in Hindi – एक बार की बात है जब एक गांव में एक टोपीवाला रहता था, वह पूरे गांव में घूमकर रंग बिरंगी टोपियां बेचा करता था। एक दिन दोपहर के समय वह अपनी सारी टोपियां ले कर जा रहा था।
जब वह एक बड़े से पेड़ के निचे से गुजरता है तब उसे लगता है कि बहुत तेज धुप है और गर्मी भी बहुत ज्यादा है तो उसे थोड़ा आराम कर लेना चाहिए, जब थोड़ी धुप कम हो जाएगी तो वह वहां से आगे निकल जाएगा ।
टोपीवाला आराम करने के लिए अपनी सारी टोपियां अपने बाजु में रखकर एक पेड़ के नीचे सो जाता है। उसी पेड़ के ऊपर कुछ बदमाश बन्दर बैठे होते है और वे उस टोपीवाले को ध्यान से देखते रहते है ।
उनमे से एक बन्दर पेड़ की एक डगाल पर बैठे हुए अपने साथी बंदरो से कहता है “भाइयो, ये सारी रंग-बिरंगी टोपियां कितनी सुन्दर लग रही है , चलो जा कर उन्हें ले लेते है “
दूसरा बन्दर कहता है”नहीं भाई, वह टोपियां उस आदमी की है जो सो रहा है, अगर वह जाग गया तो हमें पकड़ लेगा “
इस बात पर सभी बन्दर हामी भरते है लेकिन पहला बन्दर कहता है “भाइयो, वह आदमी तो अभी सो रहा है, हम बिना आवाज़ किये चुपके निचे जाएंगे और सारी टोपियां ले आएँगे “
यह बात सभी बन्दरो को ठीक लगती है और वो तैयार हो जाते है ।
सारे बन्दर धीरे-धीरे नीचे उतरते है और टोपीवाले की सारी टोपियां चुरा कर वापस पेड़ के ऊपर चढ़ जाते है ।
थोड़ी देर बाद जब वह टोपीवाला अपनी नींद पूरी कर के उठता है तो देखता है कि उसकी सारी टोपियां गायब हो चुकी है ।
वह यहाँ वहां देखता है लेकिन उसे कोई नहीं दिखता, वह परेशान हो जाता है कि उसकी सारी टोपियां कौन ले जा सकता है और फिर उसने किसी की आवाज़ भी तो नहीं सुनी थी।
टोपीवाले तो परेशान देखकर ऊपर बैठे बन्दर हंसने लगते है जिसकी आवाज़ सुनकर टोपीवाला ऊपर की तरफ पेड़पर पर बैठे बंदरो को देखता है ।
टोपीवाला आश्चर्य में पड़ जाता है कि बंदरो के पास उसकी सारी टोपियां कैसे पहुंच गई ।
कुछ देर तक वह सोचता है कि अब वह उन बंदरो से टोपियां वापस कैसे ले ।
पहले वह बंदरो को इशारे कर के टोपियां वापस करने को कहता है, जैसे इशारे टोपीवाला करता है सारे बन्दर भी उसकी नक़ल उतारते हुए वैसे ही इशारे करते है ।
ऐसा बार-बार होता है जिससे टोपीवाला बहुत परेशान हो जाता है ।
फिर टोपीवाले को एक तरकीब सूझती है कि उसे कुछ ऐसे इशारे करने होंगे जिसकी नक़ल करके ये सारे बन्दर उसकी टोपियां वापस कर दे ।
उसके बाद टोपीवाले के सर पे जो टोपी रहती है उसे वह ऊपर उछालता है और वापस पकड़ लेता है जिसकी नक़ल करके सारे बन्दर भी अपनी-अपनी टोपी ऊपर उछालते है और वापस पकड़ लेते है ।
इसे देखकर टोपीवाला मन ही मन खुश होता है कि उसकी तरकीब काम कर रही है ।
उसके बाद टोपीवाला अपनी टोपी सर से उतारता है और नीचे ज़मीन में फ़ेंक देता है और फिर सारे बन्दर भी टोपीवाले की नक़ल करते हुए अपनी टोपी पेड़ से निचे ज़मीन में फ़ेंक देते है ।
टोपीवाला तुरंत ज़मीन से अपनी सारी टोपियां उठा लेता है और हस्ते हुए वहां से चला जाता है ।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर हम हमेशा समझदारी से और चालाकी से सोचे तो किसी भी परेशानी से बहार निकल सकते है ।
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