बुरी संगती की सजा – Stories for kids in Hindi

Stories for kids in Hindi – एक बार की बात है जब एक शहर में टिंकू नाम का लड़का रहता था । टिंकू आठ साल का था और अपने माता पिता के साथ रहता था । टिंकू के पिताजी सेना में नौकरी करते थे जिसके कारण उनका स्थानांतरण बार-बार होता था ।

पिता की नौकरी के कारण टिंकू को हर तीन-चार साल में एक नए विद्यालय में जाना पड़ता था जिसके कारण उसका कोई अच्छा दोस्त नहीं बन पता था ।

एक दिन टिंकू के पिताजी सुबह-सुबह उसके पास आते है और कहते है “टिंकू, मेरा फिर से स्थानांतरण हो गया है जिसके कारण हमें दिल्ली जाना पड़ेगा ।”

पिताजी जी बात सुनकर टिंकू उदास हो जाता है क्योकि उसे पता था कि उसे फिर से एक नए विद्यालय में जाना पड़ेगा और वहां जाकर फिर से नए-नए छात्रों से मिलना पड़ेगा ।

कुछ समय बाद टिंकू और उसका परिवार दिल्ली पहुंच जाते है और दिल्ली में ही एक बड़े विद्यालय में टिंकू की भर्ती होती है ।

टिंकू विद्यालय जाना शुरू करता है और कुछ दिनों तक उसकी बातचीत विद्यालय में किसी से नहीं होती है, टिंकू बहुत कोशिश करता है नए दोस्त बनाने की लेकिन कोई भी उसका दोस्त बनने को तैयार नहीं होता है ।

फिर एक दिन टिंकू की ही कक्षा का एक गोलू नाम का बहुत ही बदमाश छात्र टिंकू के पास आता है और पूछता है “तुम विद्यालय में नए आए हो ना ?”

टिंकू जवाब देता है “है, मुझे बस कुछ दिन ही हुए है यहाँ आए हुए ।”

फिर गोलू कहता है “क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे, क्योकि मेरा यहाँ कोई भी दोस्त नहीं है, मुझसे कोई भी दोस्ती नहीं करता है ।”

टिंकू कहता है “है, मेरा भी यहाँ कोई दोस्त नहीं है तो फिर हम दोनों ही दोस्त बन जाते है ।”

टिंकू और गोलू एक दुसरे एक अच्छे दोस्त बन जाते है ।

फिर कुछ दिन बाद ही गोलू टिंकू से कहता है “टिंकू, चलो एक बदमाशी करते है ?”

टिंकू कहता है “नहीं-नहीं, मुझे कोई बदमाशी नहीं करनी है, कही प्राचार्य को पता चल गया तो, मै किसी भी परेशानी में नहीं फसना चाहता ।”

फिर गोलू कहता है “अरे टिंकू, इतना मत डरो, प्राचार्य को बिलकुल भी पता नहीं चलेगा ।”

टिंकू गोलू की बात मान लेता है और दोनों भोजन अवकाश के समय कक्षा में जाते है और कक्षा की एक पायल नाम की छात्रा बस्ता छुपके से उठाकर कक्षा के पीछे टूटे हुए बेंच के निचे छुपा देते है ।

कुछ देर बाद कक्षा शुरू होती और शिक्षक कक्षा में आते है और जैसे ही पढ़ना शुरू करते है पायल शिकायत करते हुए शिक्षक से कहती है “गुरु जी, मेरा बस्ता किसी नहीं मिल रहा है, भोजन अवकाश के पहले यही, मेरे बेंच में ही रखा हुआ था लेकिन अभी नहीं दिख रहा है ।”

शिक्षक सभी बच्चो से कहते है “बच्चो, अगर किसी ने पायल का बस्ता लिया हो तो तुरंत बता दो, मै उसे क्षमा कर दूंगा कोई सजा नहीं दूंगा ।”

कोई भी बच्चा कुछ नहीं बोलता है और वही गोलू अपना चेहरा छुपाकर हंसाने लगता है ।

क्योकि गोलू विद्यालय का सबसे बदमाश छात्र था तो शिक्षक गोलू से ही कड़ी आवाज़ में पूछते है और कहते है “गोलू, मै जनता हूँ, ये तुम्हारी ही बदमाशी है, चलो अब जल्दी से बता दो पायल का बस्ता कहा है नहीं तो मै तुम्हे कड़ी से कड़ी सजा दूंगा ।”

गोलू डर जाता है और सारी बात बता देता है और गोलू की बात सुनकर पायल शिक्षक से कहती है “गुरूजी, टिंकू गोलू को दोस्त है तो मुझे लगता है कि उसने भी इस बदमाशी में गोलू का साथ दिया होगा ।”

शिक्षक वहां खड़े टिंकू से भी पूछते है “टिंकू, क्या तुमने गोलू का साथ दिया था बदमाशी में ?”

टिंकू भी डर जाता है और अपनी गलती मान लेता है ।

इस प्रकार गोलू के साथ-साथ टिंकू को भी कक्षा के बाहर हाथ ऊपर करके खड़े होने की सजा मिल जाती है ।

इस Stories for kids in Hindi – बुरी संगती की सजा कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें हमेशा दोस्ती सोच समझकर अच्छे लोगो से करनी चाहिए क्योकि गलत संगती से हमें बहुत नुकसान होता है ।

Also read – Hindi story for class 1 – लोमड़ी की चालाकी

Also read – Animal story in Hindi – भालू और लालची बन्दर

Also read – Friendship story in Hindi – चार बहानेबाज़ दोस्त

Also read – Hindi story for class 2 with moral pdf included – आत्मविश्वास

Also read – Story for kids in Hindi pdf included | ईमानदार बच्चे की कहानी

अगर आपको Stories for kids in Hindi – बुरी संगती की सजाar Birbal story in Hindi – मनुष्य की कीमत कहानी पसंद आई हो तो कृपया इसे अपने साथियो के साथ शेयर करे। धन्यवाद्।

error: Content is protected !!