Stories for kids to read – एक समय की बात है जब एक राज्य में एक प्रभु नाम का किसान रहता था, प्रभु एक दिन सुबह-सुबह अपने खेत पहुँचता है तो देखता है कि उसके खेत एक बड़ा सा कद्दू ऊगा है, प्रभु उस बड़े से कद्दू को देखकर आश्चर्य में पड़ जाता है और मन ही मन कहता है “हे भगवान्, इतना बड़ा कद्दू, मैंने तो आज तक नहीं देखा, ये तो किसी चमत्कार सा लग रहा है।”
प्रभु सोचता है कि उस बड़े से कद्दू को वह राज्य के राजा को उपहार में देगा जिससे राजा प्रभु से खुश हो जाएगा।
प्रभु तुरंत उस कद्दू को लेकर राजा के महल में जाता है और राजा के सामने पहुंचकर कहता है “प्रणाम राजा जी, मै आपने के लिए एक उपहार लाया हूँ ।”
राजा कहता है “तुम्हारा स्वागत है प्रभु, बोलो, क्या उपहार लाए हो तुम मेरे लिए ?”
प्रभु एक बोरी से कद्दू निकलता है और कहता है “राजा जी, आज सुबह-सुबह जब मै अपने खेत गया तो मुझे यह बड़ा सा कद्दू दिखा, और मैंने ऐसा कद्दू आजतक नहीं देखा था, इसीलिए मैंने सोचा कि यह मै आपको उपहार में दूँ। “
राजा भी कद्दू को देखकर आश्चर्य में पड़ जाता है और कहता है “प्रभु, ये तो मुझे विश्व का सबसे बड़ा कद्दू लग रहा है क्योकि इतना बड़ा कद्दू तो मैंने भी आज तक नहीं देखा था । “
राजा कद्दू को देखकर बड़ा ही खुश हो जाता है आगे कहता है “प्रभु, मुझे तुम्हारा उपहार बहुत पसंद आया और इसके बदले मै भी तुझे कुछ देना चाहता हूँ ।”
राजा अपने मंत्री से कहता है “मंत्री जी, प्रभु को एक हज़ार सोने के सिक्के दे दीजिये ।”
प्रभु जैसे ही राजा कि बात सुनता है वह खुश हो जाता है और सोने के सिक्के लेकर अपने वहां से चला जाता है ।
यह बात पूरे राज्य में फ़ैल जाती है और सभी के चर्चा का विषय बन जाती है ।
तभी एक लालची आदमी अपने एक मित्र से चर्चा करते हुए कहता है “राजा जी भी कितने अजीब है, एक कद्दू के लिए उस किसान को एक हज़ार सोने के सिक्के दे दिए, फिर तो मेरे पास एक खास चीज़ है जिसे देखकर राजा जी इतने खुश जाएंगे और शायद मुझे उस किसान से सौ गुना ज्यादा सोने के सिक्के दे देंगे ।”
फिर वह आदमी अपनी अलमारी से एक बहुत पुरानी मोतियों से बानी सुन्दर सी माला निकलता है और उसे लेकर राजा के महल पहुंच जाता है ।
राजा के सामने पहुंचकर वह कहता है “प्रणाम राजा जी, मै आपके लिए एक उपहार लाया है कृपया इसे स्वीकार करे ।”
राजा उस आदमी को जवाब देता है और उसे कहता है “तुम्हारा स्वागत है मित्र, दिखाओ तुमने मेरे लिए क्या उपहार लाया है ।”
फिर वह आदमी एक बक्से से वह मोतियों की माला निकालता है और उसे राजा को देते हुए कहता है “राजा जी, यह सुन्दर सी मोतियों की माला हमारी खानदानी है और यह कम से कम दो सौ साल पुरानी है ।”
राजा माला को अपने हाथ में लेता है और खुश होकर कहता है “अरे वाह, यह तो बड़ी ही सुन्दर माला है और यह वाकई में देखने में बहुत पुरानी लग रही है ।”
फिर राजा उस आदमी से कहता है “मित्र, मुझे तुम्हारा यह उपहार बहुत पसंद आया और मैं भी तुम्हे इसके बदले कुछ उपहार देना चाहता हूँ ।”
राजा की बात सुनकर आदमी खुश हो जाता है और मन ही मन सोचता है कि अब राजा उसे ढेर सारे सोने के सिक्के उपहार में देगा ।
राजा अपने मंत्री से पूछता है “मंत्री जी, इनको क्या उपहार दिया जाए ?”
मंत्री कहता है “राजा जी, यह तो बहुत ही धनवान व्यक्ति दिख रहे है क्योकि इन्होने इतनी महँगी मोतियों की माला आपको उपहार में दे दी, मुझे तो समझ ही आ रहा की इन्हे क्या उपहार दे सकते है ।”
फिर राजा सोचकर कहता है “मंत्री जी, आप मेरे इस मित्र को विश्व का सबसे बड़ा कद्दू उपहार में दे दीजिये ।”
मंत्री राजा की आज्ञा का पालन करते हुए वह बड़ा सा कद्दू उस लालची आदमी को दे देता है ।
इस तरह किसान को उसकी अच्छी नियत के लिए एक कद्दू के बदले सोने के सिक्के मिलते है और वहीं उस आदमी को लालच के कारण महँगी मोतियों की माला के बदले कद्दू मिलता है ।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी लालच में आकर कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए क्योकि इससे हमें हमेशा नुकसान ही होता है ।
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