ईमानदार बच्चे की कहानी | Story for kids in Hindi pdf included

Story for kids in Hindi pdf included – एक बार की बात है जब गांव में एक गरीब लड़का रहता था, वह लड़का गली-गली घूमकर घरेलु उपयोग का सामान बेचता था।

एक दिन एक चौराहे पर लड़के को एक आदमी मिलता है और वह उससे कहता है “साहब,मसाले रखने का डब्बा ले लीजिये, चाय की छन्नी ले लीजिये ।”

आदमी कहता है “अरे नहीं बच्चे, मुझे कुछ नहीं चाहिए।”

फिर लड़का कहता है “कुछ तो ले लीजिये साहब, सुबह से घूम रहा हूँ, आज कुछ भी नहीं बिका है।”

आदमी को उसपर दया आ जाती है और वह उससे कहता है अरे ऐसा है क्या, तो तुम एक काम करो, मुझसे तुम कुछ छुट्टे पैसे ले लो।”

लड़का जवाब देता है “अरे नहीं साहब, मै बिना कुछ बेचे ऐसे पैसे नहीं ले सकता, ये तो भीख होगी।”

फिर आदमी कहता है “अरे बच्चे, अभी मेरे पास छुट्टे पैसे नहीं है सिर्फ बड़ा नोट है, नहीं तो मै तुमसे कुछ ना कुछ खरीद लेता ।”

लड़का तुरंत कहता है “साहब, लाइये वो नोट दीजिये, मै छुट्टे करवा के लाता हूँ।”

आदमी लड़के को पैसे देकर वही पास की दुकान में अपने पहचान के लोगो के साथ खड़ा होकर इंज़ार करता है । कुछ देर बिताने के बाद दुकान में खड़ा एक व्यक्ति उस आदमी से पूछता है “क्या बात है भाई, किसी का इंतज़ार कर रहे हो क्या?”

आदमी जवाब देता है “हां भाई साहब, मै एक लड़के का इंतज़ार कर रहा हूँ, मैंने उससे कुछ सामान लिया है और उसके बदले एक बड़ा नोट दिया है, वह उसके छुट्टे करने गया है, बस उसी का इंतज़ार कर रहा हूँ।”

दुकान में खड़ा वह आदमी कहता है”अरे भाई साहब आप भी कहा उसका रास्ता देख रहे है, वो लड़का आपके पैसे लेकर भाग गया, अब वो नहीं आएगा, यहाँ अक्सर ऐसा होता रहता है।”

आदमी कहता है “ओह, ऐसा क्या, लेकिन दिखने में तो वह बच्चा बहुत सीधा और मासूम लग रहा था, चलो ठीक है अब क्या कर सकते है, सोचूंगा पैसे दान में दे दिए।”

ऐसा कहकर वह आदमी अपने घर चला जाता है।

उसी दिन शाम के समय एक बच्चा उस आदमी के घर आता है, वह आदमी बच्चे को पहचान नहीं पता और उससे पूछता है “कौन हो बच्चे तुम?”

बच्चा कहता है “साहब, आज सुबह आपने मेरे भाई से एक चाय की छन्नी ली थी और उसके लिए एक बड़ा नोट दिया था, तो मेरा भाई उसके छुट्टे लेने गया तभी उसे एक गाड़ी वाले ने मार दिया और उसमे उसका पैर टूट गया और बहुत खून निकल रहा था, कुछ लोग बड़ी मुश्किल से उसे घर तक ले कर आए थे और तब से वह सो रहा था और अभी जब उसकी नींद खुली तो सबसे पहले उसने मुझे आपके बारे में पता लगाकर पैसे देने को कहा।

मैंने उस चौराहे की दुकान से आपके बारे में जानकारी ली और आपके पैसे लौटने आ गया।

आदमी उस बच्चे की बात सुनकर आश्चर्य में पड़ जाता है और उस बच्चे से पूछता है “मैंने तो सोचा भी नहीं था की ऐसा कुछ हुआ होगा, तुम्हारा भाई अभी कैसा है, और क्या तुम उसे अस्पताल लेकर गए?”

बच्चा कहता है “नहीं साहब, हमारे पास इतने पैसे नहीं है जो मै उसे अस्पताल लेजा पाऊ और हमारे माता-पिता भी नहीं है इसलिए हमारी कोई मदद नहीं करता।”

बच्चे की बात सुनकर आदमी को बड़ा दुःख लगता है और उसकी आँख में आँसू आ जाते है । फिर वह बच्चे से कहता है “बच्चे, तुम मुझे अभी अपने भाई के पास ले चलो, मै तुरंत उसे अस्पताल ले कर जाऊंगा और उसका इलाज कराऊंगा।”

बच्चा तुरंत उस आदमी को अपने भाई के पास ले कर जाता है और घर पहुंचते ही वे उसे अस्पताल लेकर जाते है जहां उसका अच्छे से इलाज होता है।

फिर आदमी उस बच्चे से कहता है “बच्चे, तुम्हारे माता पिता नहीं है, तुम्हारी आर्थिक स्थिति इतनी कमज़ोर है उसके बाद भी तुम इतने ईमानदार हो, मैंने आज से पहले कभी ऐसा कोई नहीं देखा था और तुम्हारे बारे में जानकर मुझे बहुत ज्यादा ख़ुशी हो रही है।”

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा ईमानदार रहता चाहिए, क्योकि ईमानदार लोगो की मदद हर कोई करता है।

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