Tenaliram story in Hindi – एक बार राजा कृष्ण देव राय के पड़ोसी राज्य के राजा के घर में एक पुत्र ने जन्म लिया। उस राजा ने महाराज कृष्ण देव राय को अपने मंत्री गण के साथ आकर उसके पुत्र को आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित किया।
राजा कृष्ण देव राय अपने मंत्री और तेनाली के साथ वहां पहुंच गए। बच्चे को देखते ही तेनाली ने कहां “यह बच्चा अपने पिता से भी अधिक बुद्धिमान और एक बड़ा योद्धा बनेगा।” बच्चे का पिता अत्यंत खुश हुए।
लेकिन सभी मंत्री गण तेनाली का यह कहकर मजाक उड़ाने लगे की केवल देखकर ही आप किसी चीज को कैसे तोल सकते हो। राजा कृष्ण देव राय ने भी इस बात पर मंत्री गण का समर्थन किया। तेनाली ने कहां “महाराज मैं किसी भी वस्तु को देखकर ही तोल सकता हूं।”
तेनाली की बात सुनकर मंत्री गण और राजा ने मिलकर एक योजना बनाई। उन्होंने दो मटके लिए एक में सोने के सिक्के भर दिए तथा दूसरा खाली छोड़ दिया और उन्हें एक पेड़ पर बांध दिया।
उसके बाद उन्होंने तेनाली रामा को बुलाया और बोले, “आप देखकर ही किसी भी वस्तु को तोल सकते है तो बताइए इन दोनो मटकों में सोने के सिक्को से भरा मटका कौन-सा है? तेनाली ने बड़ी ही आसानी से इसका सही उत्तर दे दिया।
राजा ने पूछा “तेनाली तुमने इसका जवाब इतनी जल्दी कैसे दे दिया ?” तेनाली ने जवाब दिया “महाराज यह पहेली इतनी आसान है की इसका जवाब कोई भी दे सकता है। आपने दो मटके लटकाए है जिसमें एक खाली है तथा दूसरा भरा है। अगर आप ध्यान से इनकी रस्सी को देखेंगे तो पाएंगे की भरे हुए मटके की रस्सी में खिंचाव है.”
तथा खाली मटके की रस्सी ढीली-ढाली है और हवा चलने के कारण मटका निरंतर हिल रहा है। तेनाली रामा के इस कथन से राजा और मंत्री गण यह समझ गए की वाकई देखकर ही वस्तु को तोला जा सकता है।
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